महाराष्ट्र के ठाणे के कलवा में छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल (सीएसएमएम) अस्पताल में 24 घंटे के भीतर 18 मरीजों की मौत से हड़कंप मच गया है। आसपास भर्ती हुए मरीज भी डरे हुए हैं। वहीं घटना की सूचना मिलते ही सरकार भी एक्शन में आ गई है।
सरकार ने किया उच्च स्तरीय समिति का गठन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है और हर स्तर से जांच का आदेश दिया है। छह मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर 18 लोगों की मौत हो गई। मरीजों के परिजनों ने अस्पताल कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, लेकिन प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया है। लोगों का का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ की कमी है।
मृतक के रिश्तेदारों ने लगाए गंभीर आरोप यह अस्पताल क्षेत्र का एकमात्र प्रमुख अस्पताल है और इसमें पड़ोसी जिलों और क्षेत्रों से मरीज आते हैं। मृत मरीजों के रिश्तेदारों ने शिकायत की है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उनके लोगों को आईसीयू में भर्ती करने की उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें इलाज के लिए इंतजार कराया गया।
ठाणे नगर आयुक्त ने दी सफाई ठाणे नगर आयुक्त अभिजीत बांगर ने सफाई देते हुए कहा कि पिछले 48 घंटों में 18 मौतें हुई हैं। जिन मरीजों की मौत हुई है उनमें से कुछ पहले से ही क्रोनिक किडनी रोग, निमोनिया, केरोसिन विषाक्तता, सड़क दुर्घटना और अन्य कारणों सहित विभिन्न बीमारियों का इलाज करा रहे थे। मैंने इन मौतों के बारे में सीएम को जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि मरीजों को सही उपचार मिला या नहीं।
मंत्री ने जताई संवेदना ठाणे अस्पताल में हुई मौतों पर महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि हमारी संवेदनाएं परिवारों के साथ हैं। अगर कोई लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई होगी और मुआवजा भी दिया जाएगा।