Delhi Ordinance: दिल्ली में अधिकारियों के सेवाओं और ट्रांसफर, पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक (दिल्ली सेवा बिल) गुरुवार को लोकसभा से पारित हो गया था। उस बिल को आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
दिल्ली में सेवाओं के अधिकार संबंधी बिल लोकसभा से पास होने के बाद आज राज्यसभा में लाया जाएगा। खुद गृहमंत्री अमित शाह इस बिल को सदन के पटल पर रखेंगे। सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर आज सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है। दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को 26 INDIA गठबंधन के नेताओं और सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
वहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने इस मुद्दे पर आप का साथ देने का ऐलान किया हैं। वहीं, भाजपा भी इस बार बिल को किसी भी तरह से पास कराने के लिए कमर कस चुकी है और उसका दावा है कि उसके पास NDA और गैर NDA दलों के सहारे बहुमत से ज्यादा वोट है।
आज राज्यसभा में पेश होगा बिल
दिल्ली में अधिकारियों के सेवाओं और ट्रांसफर, पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक (दिल्ली सेवा बिल) गुरुवार को लोकसभा से पारित हो गया था। इसके बाद राज्यसभा की तरफ से जानकारी दी गई को सोमवार को गृह मंत्री इस बिल को सदन के पटल पर रखेंगे। इस पर चर्चा होने के बाद इस बिल के राज्यसभा से भी पास होने की संभावना जताई जा रही है।
राज्यसभा में बिल को पास होने के लिए कितने वोटों की दरकार?
राज्यसभा में इस समय कुल सांसद 238 हैं। बहुजन समाज पार्टी का इस समय राज्यसभा में 1 सांसद है।
खबर है कि बसपा वोटिंग के समय बिल का बायकॉट कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो सदन में कुल 237 सांसद मौजूद रहेंगे। ऐसे में0 सरकार को बहुमत के लिए 119 सांसदों की जरूरत पड़ेगी।
ये है स्पेशल 26
अगर हम विपक्ष की बात करे तो इस समय उन्हें कुल 105 सांसदों का समर्थन प्राप्त हैं। इनमें कांग्रेस के पास 31, TMC के पास 13, आप के 10, DMK के 10, सीपीआई एम के 5, JDU के 5, शिवसेना (उद्धव गुट) के 4 सपा के 3, एनसीपी (शरद पवार), जेएमएम के 2, CPI के 2, आईयूएमएल केरल कांग्रेस के 1, आरएलडी के 1, एमडीएमके के 1, बीआरएस के 7 और कुछ निर्दलीय सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
BJP का दावा, बहुमत का आंकड़ा उनके पास
मोदी सरकार दिल्ली अध्यादेश के राज्यसभा में पास होने को लेकर आश्वस्त है। भाजपा नेताओं का दावा है कि उनके पास बहुमत का जादुई आंकड़ा उनके पास है। इसके पीछे कारण ये है कि अध्यादेश के मुद्दे पर केंद्र सरकार को लगातार समर्थन मिल रहा है। कुछ ऐसे दल जो किसी भी गठबंधन में नहीं है, वह सरकार को समर्थन दे रहे हैं। बीजेपी के राज्यसभा में खुद के 92 सांसद हैं। इनमें 5 मनोनीत सांसद हैं, जबकि सहयोगी दलों को मिलाकर यह 103 हो जाते हैं। बीजेपी को दो निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन है।
इसके अलावा दिल्ली सेवा बिल पर वाईएसआर, बीजेडी और टीडीपी ने केंद्र का समर्थन करने का ऐलान किया। बीजेपी और वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा में 9-9 सांसद हैं। जबकि टीडीपी का एक सांसद है। ऐसे में अब बीजेपी के पास 124 सांसदों का समर्थन हो गा और राज्यसभा में भी बिल आसानी से पास हो जाएगा। एनसीपी के 4 राज्यसभा सांसद हैं। लेकिन प्रफुल्ल पटेल खुले तौर पर अजित गुट में शामिल हुए हैं। ऐसे में उनका वोट भी बीजेपी को मिलने की संभावना है।