रविवार को सीईटी के ग्रुप 56 का पेपर लिया गया था उसके बाद सोमवार को लिए गए सीईटी के ग्रुप 57 के पेपर में 41 प्रश्र रिपीट किए गए हैं, प्रश्रों को रिपीट करने का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी धांधली करने के फेर में प्रश्रों को रिपीट किया गया था
बार-बार पेपर में प्रश्रों को रिपीट किया जाने से बड़ी धांधली की बू आ रही है
एचपीएससी और एचएसएससी दोनो ही संस्थाएं जिस उद्देश्य के लिए बनाई गई थी, उस उद्देश्य को भाजपा ने पूरी तरह से खत्म कर दिया है और अब ये संस्थाएं सिर्फ भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गई हैं
मांग – एचपीएसी और एचएसएससी दोनों संस्थाओं को तुरंत प्रभाव से भंग किया जाए, साथ ही पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के सीटींग जज द्वारा करवाई जाए
चंडीगढ़, 7 अगस्त : इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार ने सरकारी नौकरी देने के लिए गठित किए गए एचएसएससी और एचपीएससी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। 2022 में ग्रुप सी और डी की भर्ती के लिए सीईटी का पेपर देना अनिवार्य कर दिया गया था। एचएसएससी द्वारा आयोजित सीईटी के पेपर के लिए सरकारी नौकरी की आस में लाखों बच्चों ने फॉर्म भरे थे। पिछले सवा साल से भाजपा सरकार लगातार युवाओं के साथ खिलवाड़ करती आ रही है। कभी पेपर लीक करवा कर, कभी पेपर रद्द करके और कभी पेपर में प्रश्रों को रिपीट करके युवाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। रविवार को सीईटी के ग्रुप 56 का पेपर लिया गया था उसके बाद सोमवार को लिए गए सीईटी के ग्रुप 57 के पेपर में 41 प्रश्र रिपीट किए गए हैं। प्रश्रों को रिपीट करने का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी धांधली करने के फेर में प्रश्रों को रिपीट किया गया था। बार-बार पेपर में प्रश्रों को रिपीट किया जाने से बड़ी धांधली की बू आ रही है। भाजपा सरकार की सरकारी नौकरियों में बिना पर्ची-खर्ची की पोल लगातार खुलती जा रही है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जिस तरह से एचपीएससी की कार्यप्रणाली चल रही है उससे इसकी साख पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। एचपीएससी और एचएसएससी दोनो ही संस्थाएं जिस उद्देश्य के लिए बनाई गई थी, उस उद्देश्य को भाजपा ने पूरी तरह से खत्म कर दिया है और अब ये संस्थाएं सिर्फ भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गई हैं। सरकारी नौकरी देने के एवज में करोड़ों रूपए एचपीएससी के दफ्तर में पकड़े जाते हैं, लेकिन सरकार में बैठे बड़े लोगों को बचाने के लिए आज तक उसकी जांच पूरी नहीं की गई और ठंडे बस्ते में डाल दी गई। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि एचपीएससी और एचएसएससी दोनो संस्थाओं को तुरंत प्रभाव से भंग किया जाए, साथ ही पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के सीटींग जज द्वारा करवाई जाए।