राज्यपाल ने कहा, अभिभवाक युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति व सभ्यता की उपलब्धियों से अवगत करा उन्हें सही राह चुनने में मदद करे
चडीगढ़, 29 जुलाई। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आमजन से आह्वान किया कि सभी अभिभवाक अपने बच्चों को हमारी प्राचीन संस्कृति के ज्ञान के साथ-साथ, प्राचीन वैज्ञानिक उपलब्धियों एवं आधुनिक काल में प्राप्त उपलब्धियों के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान करके देश के भावी कर्णधारों को सही राह चुनने में उनका सहयोग करें। राज्यपाल शनिवार को गुरुग्राम के सेक्टर 9ए में इंटरनेशनल दिव्य परिवार सोसाइटी एवं चाणक्य वार्ता परिवार द्वारा स्थापित होने वाले भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के शिलान्यास व त्रिदिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास करने उपरांत अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में साहित्य, कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनेकों कारगर कदम उठाएं हैं। इस दिशा में हरियाणा का कला एवं सांस्कृतिक विभाग, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, अनेकों साहित्य अकादमी, हरियाणा के नगर निगमों सहित प्रदेश सरकार के अनेकों विभाग देश और प्रदेश के साहित्य, कला एवं संस्कृति का संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए दिन रात प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा साहित्य, कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम गुरुग्राम के माध्यम से सैक्टर-53 में 209 करोड़ रूपए की लागत से पांच एकड़ जमीन पर बेहतरीन कला एवं सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण करवाने जा रहीे है। जोकि हमारी महान एवं प्राचीन संस्कृति को संजोने की दिशा मे एक सफल प्रयास हैं।
राज्यपाल ने कहा कि भारत का इतिहास साहित्य, भाषा, कला, संगीत, नृत्य, संस्कृति, स्थापत्यकला, वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला के मामले मे प्राचीन एवं अत्यंत गौरवशाली रहा है। जिसको प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक पटल पर एक नई पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए बहुत ही गौरव की बात है कि आज विश्व के अनेक देशों में रहने वाले लोग हमारी संस्कृति को अपने जीवन में अपना रहे है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ के सपने को साकार करने की दिशा में इस सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास करना एक ऐतिहासिक कदम है। इस योजना में हरियाणा प्रदेश भी अपनी भूमिका निभा रहा हैं। इस योजना में हरियाणा का सहभागी राज्य तेलंगाना है। इसलिए हरियाणा व तेलंगाना प्रदेश के कलाकार अपनी-अपनी महान संस्कृति एवं लोक कलाएं एक-दूसरे को सिखा रहे हैं। हम सबके इस प्रयास के द्वारा समूचे भारत की एक सांझी सांस्कृतिक छवि उभर कर आएगी।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में हरियाणा के साहित्य, लोक कला तथा सांस्कृतिक क्षेत्र से जुडी विभूतियों के साक्षात्कार पर आधारित ओपी पाल की पुस्तक ’प्रतिबिम्ब’ का विमोचन करने के साथ साथ साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले साहित्यकारों को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि एवं हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति व भारतीय विचारों को जीवंत करने व इसे और अधिक प्रभावी बनाने में यह सांस्कृतिक केंद्र एक सार्थक भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति व सभ्यता विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति व सभ्यता है। इसे विश्व की सभी संस्कृतियों की जननी माना जाता है। जीने की कला हो, विज्ञान हो या राजनीति का क्षेत्र भारतीय संस्कृति का सदैव विशेष स्थान रहा है। ऐसे में इस प्रकार के सांस्कृतिक केंद्रों का खुलना अपने आप मे एक अनूठा प्रयोग है।
इस अवसर पर भारत अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र नारायण, दिव्य परिवार सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अमित जैन, अध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त सचिव डॉ. सुरेंद्र जैन, नागालैंड से राज्यसभा सांसद श्रीमती फांगनोन कोन्याक,
भारत अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के संरक्षक लक्ष्मी नारायण भल्ला, डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद, हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) कुलदीप चंद अग्निहोत्री सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।