वरमाला पहनाते ही गोल्डी भगवान शिव की अर्धागिनी बन गई। हजारों लोग इस अनोखी शादी के गवाह भी बने। वरमाल के साथ ही शादी की अन्य रस्में भी पूरे विधि विधान के साथ पूरी की गईं। इसके बाद माता पिता के साथ लोगों ने वर वधू को आशीर्वाद दे उनके बेहतर जीवन की कामना की।
यह शादी बड़ागांव गेट बाहर अन्नपूर्णा कॉलोनी में हुई जहां बीकाम पास 27 वषीर्य गोल्डी बचपन से ही भगवान शिव से शादी करने का सपना देख रही थी। गोल्डी बचपन से ही ब्रह्माकुमारी आश्रम से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने अपने माता-पिता के सामने शिव जी से विवाह करने की बात रखी। इस पर पूरा परिवार सहमत हो गया तो गोल्डी को शादी की अनुमति प्रदान कर दी गई। इसके बाद घर में अनोखी शादी की तैयारी शुरू हो गई।
बबीना के डाकघर में उपडाकपाल के पद पर तैनात बलराम रायकवार के एक पुत्र व तीन बेटियां हैं। गोल्डी सबसे बड़ी हैं। बचपन में ही गोल्डी को इंदौर के ब्रह्मकुमारी आश्रम में पढ़ने के लिए भेज दिया गया था। वहां हॉस्टल में रहकर उसने ग्रेजुएशन परा किया। साथ ही आध्यात्मिक पढ़ाई कर समाजसेवा से जुड़ गईं। इंदौर से लौटकर वह सत्यम कॉलोनी स्थित प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में रहने लगी। गोल्डी की माने तो ब्रह्मकुमारी आश्रम से जुड़ी बहनों ने पूरा जीवन भगवान शिव को समर्पित कर दिया है। इससे उत्साहित होकर उसने भगवान शिव से शादी करने की ठान ली। इस सम्बंध में परिजनों से मिले सहयोग के बाद गोल्डी की शादी की तैयारियां शुरू हुईं।
शादी के कार्ड बांटे गए और तय समय में सत्यम कालोनी से भगवान शिव की बारात लड़की वालों के घर पहुंच गई। जहां दुलहन के रूप में साजो शृंगार के साथ सजी गोल्डी ने वरमाला पहनाई। इससे पूर्व हल्दी का कार्यक्रम व शादी की अन्य रस्में निभाई गर्ईं। अनोखी शादी देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। गोल्डी ने कहा कि शिवजी के लिए मैंने अपना जीवन समर्पित कर दिया है, वहीं हर मुसीबत में मेरा साथ देंगे।