सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित बीसीजी वैक्सीन को कनाडा में निर्यात करने की मंजूरी दे दी है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल ब्लैडर कैंसर (मूत्राशय के कैंसर) के इलाज के लिए इम्यूनोथेरेपी के रूप में किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारतीय औषधि नियंत्रक (डीसीजीआई) को पत्र लिखकर कनाडा में इम्यूनोथेरेपी के लिए बीसीजी वैक्सीन निर्यात करने की मंजूरी मांगी थी जिसके बाद यह अनुमति दी गई। इम्यूनोथेरेपी के रूप में बीसीजी एक लाइव फ्रीज-ड्राइड तैयारी है जो माइकोबैक्टीरियम बोविस (बैसिलस कैलमेट गुएरिन) के क्षीण स्ट्रेन से प्राप्त होती है।
सूत्रों ने कहा कि यह उत्पाद इंट्रावेसिकल इंस्टिलेशन के लिए है और सीरम इंस्टीट्यूट से 40 मिलीग्राम और 80 मिलीग्राम में उपलब्ध है। थेरेपी के हिस्से के रूप में वैक्सीन को एक कैथेटर के माध्यम से ब्लैडर (मूत्राशय) में डाला जाता है, जहां यह एक विशिष्ट अवधि तक ब्लैडर की परत में रहता है और कोशिकाओं को प्रभावित करता है और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित किए बिना कैंसर से लड़ता है।