दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व हरियाणा के सीएम मनोहर लाल।
Haryana : बाढ़ और बारिश के पानी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आरोप लगाने को लेकर नाराज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी दोनों नेताओं पर पलटवार किया।
उन्होंने आईटीओ के गेट खोले जाने के मामले में ईआईसी (इंजीनियर इन चीफ) के नेतृत्व में उच्चस्तरीय टीम का गठन कर पड़ताल के लिए दिल्ली भेजा। टीम गेट नहीं खुलने के पूरे मामले में पड़ताल करने में जुटी हुई है, जिसके बाद में एक रिपोर्ट तैयार करेगी, ताकि दिल्ली सीएम को जवाब दिया जा सके।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल के निर्देशों के बाद में सीएमओ में बैठे अफसरों ने सिंचाई विभाग (Irrigation Department) के ईआईसी (इंजीनियर इन चीफ) को पूरे मामले में टीम के साथ दिल्ली में जांच पड़ताल का आदेश दिया था। दिल्ली में आईटीओ बैराज के बंद पड़े हुए गेट की जांच डाॅ सतबीर कादियान के नेतृत्व वाली तकनीकी विशेषज्ञों की टीम करेगी। सुबह ही बैराज पर पहुंची टीम ने जांच पड़ताल की शुरुआत की, इसके साथ ही वहां पर नेवी की ओर से कमांडर संजय सिंह और गृह मंत्रालय के अफसर राजेंद्र पिपलानिया भी पहुंचे हुए थे। अधिरकारियों ने पूछे जाने पर कहा कि अभी तक 30 गेट खोले जा चुके है। दो गेट बाकी हैं, जिनको नेवी की मदद लेकर खोल दिया जाएगा।
दिल्ली को डुबोए जाने के आरोपों पर मनोहरलाल का पलटवार
हरियाणा सरकार की ओऱ से दिल्ली को डुबोए जाने के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराने के आरोपों पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल बेहद नाराज नजर आ रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए नसीहत देते हुए कहा कि केजरीवाल व भगवंत मान को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वे जिम्मेदार व संवैधानिक पदों पर बैठे हुए हैं। हथिनी कुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़ दिए जाने पर कहा कि इस तरह के आऱोप पूरी तरह से वाहियात की बात लगते हैं। अगर ऐसा होता तो हमारे एरिया में ज्यादा नुकसान कैसे हो गया ?
पंजाब सीएम मान पर बोला हमला
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर अगर बनी हुई होती, तो पंजाब को बारिश और बाढ़ के पानी से मोटा नुकसान नहीं उठाना पड़ता। एसवाईएल नहर होने की स्थिति में पंजाब को बहुत ही कम नुकसान होता। पंजाब का वर्षा का अतिरक्ति पानी बहकर हरियाणा में एसवाईएल में आ जाता, जिसको जबरन बंद किया गया। इसका नतीजा यह है कि अंबाला, कुरुक्षेत्र का काफी इलाका डूब गया। यह 2 जिले केवल अधूरी बनी हुई एसवाईएल नहर के कारण डूबे हैं। लेकिन हरियाणा ने पंजाब पर किसी भी तहर की बयानबाजी में आरोप नहीं लगाए। उन्होंने बारिश और बाढ़ से उत्पन्न हुए हालातों के दौरान राजनेताओं द्वारा दिए बयानों पर प्रतक्रियिा में दोहराया कि आपदा के समय आरोप-प्रत्यारोप का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वह मानवता, प्रदेश और देश हित में बिल्कुल भी नहीं है। उन्हाेंने कहा कि हरियाणा का एरिया यमुना के साथ दिल्ली के मुकाबले ज्यादा लगता है। इसलिए इतनी समझ उन्हें होनी चाहिए और हरियाणा को बदनाम करने से पहले सोचना चाहिए।