दुनिया में भारत एक ऐसा देश है जहां पर आपको आधी आबादी गावों में मिलेगी
और गांवों को विकास के लि सरकार हर कदम उठा रही है आज हम आपको भारत के एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे है जो बेहद हाइटेक है और इसने शहर को भी पीछे छोड दिया है ये एक ऐसा गांव है जिसने सुख सुविधाओं से शहर को भी पीछे छोड दिया है।
आपको इस गांव में वाईफाई, स्कूल, कॉलेज, नई टेक्नोलॉजी और स्ट्रीट लाइटें, समेत हर सुविधा मिलेगी यह गांव शहरों के विकास से भी आगे है और ये गांव गुजरात के राज्य में है जहां की सुविधाएं आपको हैरान कर देगी।
पुंसरी गांव
गुजरात का ये गांव पुंसरी के नाम से जाना जाता है और ये दुनिया भर में जाना जा रहा है यहां सरकारी स्कूल में ऐसी लगे है और आस पास बच्चों के लिए कई ऐसे वातारवण है जहां बचचे पढाई कर सके सबसे खास बात तो ये है कि यहां इलाज के लिए लोगों को शहर नहीं जाना पडता है।
खास है लाइब्रेरी
गुजरात के पुंसरी गांव में एक चलती फिरती लाइब्रेरी है जो एक ऑटो मे बनी है पढ़ने के शौक ऱखने वाले इस लाइब्रेरी का इस्तेमाल करते है एक निश्चित समय पर लाइब्रेरी उचित स्थान पर पहुंच जाती है और लोग किताने पढना पसंद करते है. आपको जानकर हैरानी होगी की इस गांव में अगर आप जाना चाहते है तो यहा जाने के लिए बायोमेट्रिक का इस्तेमाल होता है गांव में यातायात की व्यवस्था, साफ सुथरी सडके और बायोगैस प्लांट सभी मौजूद है।
कैसे बदली गांव की सूरत
साल 2006 में हिमांशु पटेल इस गांव के सरपंच बने और उस समय इस गांव कई समस्या थी लेकिन उनहोने गांव को बदलनेका संकल्प लिया और आठ सालों में हिमांशु पटेल ने इस गांव की सूरत बदली और उन्होंने 16 करोड़ खर्च किए गांव के मॉडल को देखने के लिए लोग यहां दूर दूर से आते है