रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बनी स्थिति का भारत ने खूब फायदा उठाया। भारत एक साल से भी अधिक वक्त से रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है। लेकिन हाल के हफ्तों में भारत को मिलने वाले रूसी कच्चे तेल पर छूट में भारी गिरावट आई है।
ऐसे में कुछ भारतीय कंपनियां दूसरे देशों की तरफ मुड़ रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी रिफाइनर इराक से तेल आपूर्ति बढ़ाने को लेकर बातचीत कर रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक भारत अगले कुछ महीनों में रूस से कच्चे तेल के आयात में कटौती कर सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि रूस के कच्चे तेल यूराल की कीमत बढ़ती जा रही है। यह पश्चिमी देशों की तरफ से रूस के तेल पर लगाए गए प्राइस कैप 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक कीमत पर बिक रहा है। इसके अलावा भारत-रूस के बीच पेमेंट संबंधी दिक्कतें भी हैं।
अधिकारी के मुताबिक भारत ने इराक से बेहतर भुगतान शर्तों पर विचार करने के लिए कहा है। भारत चाहता है कि तेल की मौजूदा क्रेडिट अवधि को 60 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दे।
अधिकारी ने कहा कि यह सबसे साफ सौदा है। इराक हमारा सहयोगी और एक अच्छा व्यापारिक भागीदार रहा है। उन्होंने हमें पहले भी अच्छी छूट दी है। हालांकि, अधिकारी ने तेल पर छूट और तेल की अतिरिक्त मात्रा को लेकर कोई खास जानकारी नहीं दी।
आपको बता दें कि रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदने से पहले इराक भारत का कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था। यूक्रेन पर हमला करने की वजह से पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंधों की झड़ी लगा दी।
इसके बाद रूस ने भारत को भारी छूट पर तेल देना शुरू कर दिया। भारत ने इसका फायदा भी खूब उठाया। वर्तमान में भारत, रूस से कुल आयात का 40 प्रतिशत से अधिक तेल खरीदता है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक दिसंबर में पश्चिमी देशों द्वारा प्राइस कैप लगाए जाने के बाद पहली बार रूसी तेल 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बिक रहा है। ऐसे में किसी भी सूरत में भारत के सरकारी रिफाइनर्स, रूस से प्राइस कैप से अधिक कीमत पर तेल नहीं खरीदना चाहेंगे।
इसकी वजह पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाया गया प्रतिबंध है। यदि भारतीय कंपनियां 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की कीमत पर रूसी तेल खरीदती हैं तो इसकी डिलीवरी के लिए पश्चिमी जहाजों और पश्चिमी बीमा सेवाओं की बीमाएं नहीं मिल पाएंगी।
अधिकारी ने कहा कि अब तक, आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से अधिक कीमत पर रूसी तेल का कोई भी कार्गो नहीं खरीदा है और भविष्य में भी उनका ऐसा करने का इरादा भी नहीं है।
भारत, इराक से तेल खरीदने जा रहा है, इसके संकेत बीते महीने दिखने शुरू हुए थे जब पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली में अपने इराकी समकक्ष हयान अब्देल-गनी से मुलाकात की थी और कहा था कि भारत का लक्ष्य इराक से अपनी वार्षिक तेल खरीद (मौजूदा 1 बिलियन बैरल से) बढ़ाना है।