भारत का सबसे महत्वकांक्षी स्पेस मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलतापर्वक लॉन्चिंग के बाद राजनीति में सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों ही चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का श्रेय लेने की होड़ में है.
एक तरफ जहां कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘इसरो’ की स्थापना को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का सपना बताया, तो वहीं भाजपा की तरफ से जवाब देते हुए पार्टी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इसरो की स्थापना की तारीख याद दिलाई. कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा, ” इसरो का सपना पंडित नेहरू ने देखा था, जिसे इंदिरा गांधी ने पोषित किया, राजीव गांधी ने महान ऊंचाइयों पर पहुंचाया और डॉ. मनमोहन सिंह ने नया मुकाम हासिल किया. सभी के लिए गर्व का क्षण, जब हम चंद्रमा पर विजय प्राप्त करने के लिए चंद्रयान 3 को उत्साहपूर्वक उड़ान भरते हुए देख रहे हैं!
जय हिन्द. ” कांग्रेस नेता के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, ” चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण का श्रेय लेने की लालसा में, कांग्रेस ने दावा किया कि यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि नेहरू ने इसरो का ‘सपना’ देखा था. उन्होनें आगे लिखा कि छोटा सा तथ्य यह है कि नेहरू की मृत्यु मई 1964 में हो गई थी जबकि इसरो की स्थापना अगस्त 1969 में हुई है. टिट्टर पर जारी दोनों नेताओं की जंग में बात यहीं पर खत्म नहीं होती है.
अमित मालवीय ट्वीट में आगे लिखते हैं कि भारत द्वारा अब तक लॉन्च किए गए 424 विदेशी उपग्रहों में से 389 पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में लॉन्च किए गए थे. यह स्पष्ट है कि नेहरू ने सपने देखने के अलावा कुछ नहीं किया. उन्होनें आगे लिखा कि इससे भी बुरी बात यह है कि इंदिरा से लेकर मनमोहन सिंह तक किसी ने भी नेहरू के सपने को गंभीरता से नहीं लिया. बता दें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने तीसरे मून मिशन के लिए शुक्रवार को चंद्रयान 3 रवाना कर दिया है. चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण के करीब एक महीने बाद चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा. ऐसे माना जा रहा है कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड कर जाएंगे.