वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे की मांग कर रही चार महिला याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. इन महिलाओं की तरफ वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर जल्द सुनवाई के लिए लिस्ट करने की मांग की है.
दरअसल, 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा कथित शिवलिंग के आर्किलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से परीक्षण कराने का आदेश दिया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम रोक लगा दी थी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तारीख तय की थी.
लेकिन यह मामला 6 जुलाई को लिस्ट नहीं हुआ. इस वजह से वकील विष्णु शकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिख कर इस मामले में सुनवाई के लिए जल्द तारीख लगाने की मांग की है. उन्होंने महिला याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा है कि कथित शिवलिंग का जल्द से जल्द सर्वे कराया जाए.
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का केस 31 साल से अधिक समय से अदालत में है. वहीं ज्ञानवापी मस्जिद का इतिहास 350 साल से भी ज्यादा पुराना है. काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद काफी हद तक अयोध्या विवाद जैसा ही है. हालांकि, अयोध्या के मामले में मस्जिद बनी थी और इस मामले में मंदिर-मस्जिद दोनों ही बने हुए हैं.
काशी विवाद में हिंदू पक्ष का कहना है कि 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने यहां काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई थी. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां मंदिर नहीं था और शुरुआत से ही मस्जिद बनी थी.