नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना की नई ताकत राफेल लड़ाकू विमानों ने भी लद्दाख के आसमान में उड़ान भरना शुरू कर दिया है। राफेल लड़ाकू विमानों ने लद्दाख के आसमान से हालात का जायजा लिया है।
दरअसल, लद्दाख में वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमान को भी मैदान में उतार दिया है। राफेल लद्दाख के आसमान से तनाव वाले अधिक क्षेत्र की पहचान कर सकता है। राफेल के अलावा लद्दाख के आसमान पर मिराज 2000 फाइटर जेट्स, मिग-29 ने भी उड़ान भरी।
रविवार देर शाम अंबाला एयरबेस से राफेल लड़ाकू विमानों ने लद्दाख के लिए उड़ान भरी थी। औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल होने के दस दिन के भीतर ही राफेल लड़ाकू विमान सीमा पर दुश्मन को चेताने लगा है। राफेल विमान दस सितंबर को वायुसेना में शामिल हुआ था।
वायुसेना की ओर से लद्दाख सीमा पर सुखोई 30MKI, जगुआर, मिराज 2000, मिग-29 और अब राफेल लड़ाकू विमान को तैनात किया गया है। जो लगातार उड़ान भरकर चीन पर नजर बनाए हुए हैं। वायुसेना यहां दिन के अलावा रात में भी उड़ान भरकर चीन पर नजर रखती आई है।
लड़ाकू विमानों के अलावा अपाचे हेलिकॉप्टर और चिनूक हेलिकॉप्टर भी सामान पहुंचाने और अन्य सैन्य मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि चीन की ओर से सीमा पर हर रोज नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, ऐसे में भारत पूरी तरह से सतर्क है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार है। पांच महीने से चल रही खींचतान के बाद अब एक बार फिर कॉर्प्स कमांडर लेवल की बात हो रही है. चीन लगातार भारत को धमकाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हर बार उसे मात मिल रही है। इस बीच भारतीय वायुसेना की नई ताकत राफेल लड़ाकू विमानों ने भी लद्दाख के आसमान में उड़ान भरना शुरू कर दिया है। रविवार की देर शाम अंबाला एयरबेस से राफेल लड़ाकू विमानों ने लद्दाख के लिए उड़ान भरी और हालात का जायजा लिया।
समाचार एजेंसी के मुताबिक सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय सेना अलर्ट पर है, साथ ही वायुसेना भी लगातार चीन पर नजरें बनाए हुए हैं. ऐसे में वायुसेना के मिग-29, तेजस पहले से ही चीनी सीमा के पास उड़ान भरते हुए दिखे हैं।
लेकिन इस बार वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमान को भी मैदान में उतार दिया है, जो चीन को चेतावनी देने जैसा है। यानी औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल होने के दस दिन के भीतर ही राफेल लड़ाकू विमान सीमा पर दुश्मन को चेताने लगा है. राफेल विमान दस सितंबर को वायुसेना में शामिल हुआ था।
वायुसेना की ओर से लद्दाख सीमा पर सुखोई 30MKI, जगुआर, मिराज 2000, मिग-29 और अब राफेल लड़ाकू विमान को तैनात किया गया है। जो लगातार उड़ान भरकर चीन पर नजर बनाए हुए हैं। वायुसेना यहां दिन के अलावा रात में भी उड़ान भरकर चीन पर नजर रखती आई है।
लड़ाकू विमानों के अलावा अपाचे हेलिकॉप्टर और चिनूक हेलिकॉप्टर भी सामान पहुंचाने और अन्य सैन्य मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि चीन की ओर से सीमा पर हर रोज नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, ऐसे में भारत पूरी तरह से सतर्क है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिन संसद में बयान दिया था कि भारत बातचीत से मसले को सुलझाना चाहता है, लेकिन भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार है और LAC में कोई भी बदलाव नहीं होने देगी। बता दें कि पिछले बीस दिनों में भारत ने लद्दाख सीमा की करीब आधा दर्जन से अधिक पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है।