भारतीय जनता पार्टी के पंचकूला प्रत्याशी ज्ञानचंद गुप्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन द्वारा जारी घोषणा पत्र को मात्र कोरा कागज बता दिया है। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि संकल्प पत्र में ऐसी बातें लिख दी हैं, जोकि पहले ही पूरी की जा चुकी हैं ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि महिलाओं को 500 रुपये गैस सिलेंडर देने की बात की जा रही है, जोकि पहले ही भाजपा सरकार पूरी कर चुकी है। गरीबों को छत देने का काम भी भाजपा सरकार कर रही है। किसानों को हरियाणा में 24 फसलों पर एमएसपी देने का भी ऐलान पहले ही हम कर चुके हैं। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि झूरीवाला डंपिंग ग्राउंड का पक्का समाधान हम कर रहे हैं। इन्होंने तो पंचकूला में डंपिंग ग्राउंड बनाने का काम किया था। चंद्रमोहन जब विधायक थे, तब कांग्रेस के शासन में यहां पर डंपिंग ग्राउंड बनाया गया था, जिसका निस्तारण हमारे कार्यकाल में होना शुरू हुआ और 2 लाख मीट्रिक टन कूड़ा यहां से उठाया जा चुका है। ज्ञानचंद गुप्ता की बड़ी ही हास्यास्पद बात है कि चंद्रमोहन पंचकूला में पिंक बस सेवा शुरू करने की बात कर रहे हैं। उन्होंने चंद्रमोहन को नसीहत दी कि वह पंचकूला में घूम लें, तो पता चल जाएगा की पिंक बस सेवा चल रही है या नहीं। भाजपा सरकार ने विशेष तौर पर पिंक बस सेवा चलाई है। उन्होंने कहा कि चंद्रमोहन ने पत्रकारों को निशुल्क बस सेवा की बात कही है। शायद उनकी जानकारी बहुत कम है। पंचकूला क्या प्रदेश भर में पत्रकारों को जोकि हरियाणा सरकार से मान्यता प्राप्त हैं, उनके लिए निशुल्क बस सेवा पहले ही कई वर्षों से चल रही है। लिंक रोड और गलियों की हालत सुधारने के लिए मैंने अपने निजी फंड से करोड़ों रुपए ग्रामीण इलाकों में दिए हैं और उन पर काम भी हुआ है। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि घग्गर नदी पर पूजा पाठ के लिए नए पक्के घाट बनाने का दावा करने वाले चंद्रमोहन को शायद पता नहीं कि यहां पर पहले ही छठ घाट बनाया जा चुका है। गांव के विभिन्न गांव में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा चुके हैं। सार्वजनिक स्थानों पर शौचायलयों का निर्माण भी हो रखा है और जहां पर होना है, वहां पर भी टेंडर जारी किए जा चुके हैं। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात करने वाले चंद्रमोहन को शायद पता नहीं कि शहर में 350 से अधिक सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगे हुए हैं। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि चंद्रमोहन हारने के पांच वर्ष तक अपने ड्राईंग रुम से बाहर नहीं निकले, किसी के दुख-सुख में शामिल नहीं हुए, तो उन्हें क्या पता होगा कि पंचकूला विकास के मामले में कितना आगे निकल चुका है।