Sitaram yechury Passes away: सीपीआई(एम) महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। वह दिल्ली एम्स के ICU में भर्ती थे। उनका श्वसन संक्रमण का इलाज किया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक सीताराम येचुरी का निधन दोपहर 3.05 बजे हुआ।
पिछले कुछ दिनों से वह वेंटिलेटर पर थे। डॉक्टरों की एक बड़ी टीम द्वारा उनका इलाज किया जा रहा था। वह अगस्त महीने में ही एम्स में एडमिट हुए थे। सीताराम येचुरी की हालत काफी वक्त से गंभीर बताई जा रह थी। पिछले महीने 20 अगस्त को दिल्ली एम्स के आईसीयू वार्ड में सीताराम येचुरी को भर्ती कराया गया था।
किस वजह से हुई सीताराम येचुरी की मौत?
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पार्टी और अस्पताल के सूत्रों के हवाले से बताया, “सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद 72 साल की उम्र में निधन हो गया।” 05 सितंबर की रात से ही सीताराम येचुरी को एम्स में वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके लंग्स में इंफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया था। सीताराम येचुरी को उम्र संबंधी कई बीमारियां थीं। सीताराम येचुरी के निधन पर किसने क्या कहा? पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “सीताराम येचुरी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ, जो कुछ साल पहले संसद में मेरे सहयोगी थे। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।”
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ”सीताराम येचुरी एक सज्जन व्यक्ति और दृढ़ विश्वास वाले व्यक्ति थे। सीताराम येचुरी को शांति मिले। भारतीय राजनीति आपको और आपके द्वारा जीए गए मूल्यों को याद करेगी।”
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ”दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।” who is Sitaram Yechury: जानिए सीताराम येचुरी के बारे में? सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को हुआ था। येचुरी की राजनीतिक यात्रा उनके छात्र जीवन के दौरान ही शुरू हो गई थी, जब वे स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हो गए थे। अपने समर्पण और नेतृत्व कौशल के कारण वे जल्दी ही शीर्ष पदों पर पहुंच गए। पिछले कुछ वर्षों में, वे भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति बन गए, उन्होंने विभिन्न सामाजिक और आर्थिक सुधारों की वकालत की।
सीताराम येचुरी ने पार्टी के दिवंगत नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के मार्गदर्शन में काम सीखा था, जिन्होंने गठबंधन युग की सरकार में प्रमुख भूमिका निभाई थी। सबसे पहले वी पी सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार और 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान, दोनों ही सरकारों को सीपीआई (एम) ने बाहर से समर्थन दिया था। सीताराम येचुरी ने अपने कौशल को तब और निखारा जब वामपंथी दलों ने पहली यूपीए सरकार का समर्थन किया और अक्सर नीति-निर्माण में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर दबाव डाला। सीताराम येचुरी ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर सरकार के साथ बातचीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सीताराम येचुरी को 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
सीताराम येचुरी को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव के रूप में 19 अप्रैल 2015 को निर्वाचित किया गया था।