नई दिल्ली/रांची. देश की राजधानी दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सीएम हेमंत सोरेन की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है. इस मुलाकात को भले ही जेएमएम और सत्ताधारी दल के नेता औपचारिक मुलाकात बता रहे हो.
लेकिन, दो बड़े नेताओं की मुलाकात के बाद राजनीतिक पारा का चढ़ना लाजमी है. दरअसल यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है कि हेमंत सोरेन की ED के द्वारा गिरफ्तारी, फिर जेल यात्रा और उसके बाद झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन की राजनीति के बाद का यह पहला दिल्ली दौरा है. फिर से नेतृत्व संभालने के बाद उनका ये पहला दिल्ली दौरा है.
वहीं इससे पहले जब दिल्ली पहुंचे तो कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सोनिया गांधी से मुलाकात की. उसके बाद दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की. इसके बाद वो बनारस में काशीविश्वनाथ से लेकर विध्यांचल तक मत्था टेकते नजर आए. फिर जब दिल्ली लौटे तो सीधे PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. वहीं इस मुलाकात को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बने हैं इसलिए उनको बधाई देने गया था. राजनीतिक और प्रदेश के विकास के मुद्दे पर बातचीत के सवाल को लेकर सीएम सोरेन ने कहा कि फिलहाल इस पर चर्चा नहीं हुआ है. नीति आयोग की बैठक में राज्य को लेकर चर्चा होगी.
हमेशा से जो बातें राज्य सरकार के द्वारा केंद्र सरकार से कही जाती रही है उसमें जरूर माइनिंग से लेकर केंद्र सरकार के पास राज्य का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ का मुद्दा शामिल हो सकता है . इसके साथ ही CM हेमंत सोरेन केंद्र सरकार से राज्य के विकास के लिए सहयोग की इच्छा भी जरूर जताई होगी . इन सब के बीच राजनीतिक रूप से इस बात की भी चर्चा होने लगी है कि क्या हेमंत सोरेन की तरफ से केंद्र सरकार के साथ रिश्तों में सुधार लाने का ये पहला कदम है . ऐसा इस लिए की राजनीति में कुछ भी संभव है और समय के साथ राजनीति में तस्वीरें बदलती रहती है.
बता दें, हेमंत सोरेन जमानत मिलने के बाद 28 जून को जेल से रिहा हुए हैं. ईडी ने इसी साल 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया. हेमंत सोरेन करीब पांच महीने बाद जेल से रिहा हुए और एक बार फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं.