केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने पर हरियाणा भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया है। हरियाणा भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, भाजपा हरियाणा के प्रभारी डा.सतीश पूनिया और प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सोशल मीडिया एक्स पर इस संबंध में डाले गए नोटिफिकेशन को रिपोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार व्यक्त किया है। प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली ने इस निर्णय को लाखों लोगों के संघर्ष को सम्मान बताया है, तो बिप्लब देब ने एक्स पर लिखा है कि यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण कराएगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला। डा. सतीश पूनिया ने भी केंद्र सरकार के इस निर्णय को एतिहासिक बताया है।
हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत किया। श्री बड़ौली ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने का निर्णय उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान है, जिन्होंने आपातकाल के दौरान कांग्रेस के निरंकुश अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई और लोकतंत्र को स्थापित करने की लड़ाई लड़ी।
बड़ौली ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन सरकार ने भारतीय संविधान का अपमान करते हुए देश पर आपातकाल थोपने का निदंनीय कृत्य किया था। सत्ता के घमंड में चूर तत्कालीन कांग्रेस सरकार का संविधान की हत्या का दुस्साहस लोकतंत्र पर काले धब्बे के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का मोदी सरकार का निर्णय ऐतिहासिक है। श्री बड़ौली ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया।
श्री बड़ौली ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंटा था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ’संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया यह ऐतिहासिक है।
मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। ‘संविधान हत्या दिवस’ हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 25 जून 1975 वह काला दिवस था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तानाशाही मानसिकता ने हमारे संविधान में निहित लोकतंत्र की हत्या कर देश पर ’आपातकाल’ थोपा था। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमारे सभी महापुरूषों के त्याग व बलिदान का स्मरण कराएगा जो कांग्रेस के इस तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध संघर्ष करते हुए संविधान की रक्षा व लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए यातनाएं सही और दिवंगत हो गए।