चंडीगढ़ : पिछले साल फसल का बीमा करवाया था, कुछ ने कहा कि बैंक ने पैसे काट लिए थे, तब ऐसा लगा था कि पैसा क्यों काटा, मगर आज जब लाखों के चैक मिले तो एहसास हुआ कि सरकार हमारे हित में काम कर रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पिछले साल कराये गए बीमा की औसत उत्पादन में कमी की राशि मिली तो किसान फूले नहीं समाएं। किसानों ने खुले मन से मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कृषि मंत्री ओपी धनखड़ की खुले मन से प्रशंसा की। किसानों ने चैक प्राप्त करने के बाद कहा कि आज यह सच साबित हो गया कि विपक्ष केवल बहकाने का काम करता है। इन किसानों ने अपील की कि सभी किसानों को अपनी फसल का बीमा हर हाल में करवाना चाहिए। ज्ञात हो कि आज राज्य के 27 किसानों को उनकी फसल के उत्पादन में कमी होने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने मुख्यमंत्री निवास पर चैक प्रदान किए। इस अवसर पर किसानों ने अपने विचार भी सांझा किए।
फसल के बीमे की एवज में 12 लाख से अधिक राशि का चैक प्राप्त करने वाले किसान दिलावर सिंह ने कहा कि उन्होंने तो ऐसा कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी बड़ी राशि उन्हें प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि ये अच्छा सिस्टम है और हर किसान को अपनी फसल का बीमा अवश्य करवाना चाहिए। कृषि मंत्री ओपी धनखड़ की इस काम के लिए प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस सिस्टम से तो किसान को कोई नुकसान नहीं है। जींद और पानीपत में खेती करने वाले दिलावर सिंह का ये भी कहना था कि बीमा के बारे में जो भ्रम था आज वो दूर हो गया।
गुहलाचीका के किसान बलजीत सिंह ने कहा कि कोई सरकार किसानों के बारे में इतना सोच सकती है, इसका आज एहसास हुआ। बीमे से उत्पादन की कमी की भरपाई होना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि बीमा करवाना अच्छी बात है यह सुना तो था पर इसका इतना फायदा हो सकता है इसको तो सपने में भी नहीं सोचा था। बलजीत सिंह कहते हैं कि आज सब एहसास हो गया। बलजीत सिंह को सवा चार लाख का चैक मिला है।
करनाल से आए किसान सतबीर सिंह को करीब 3 लाख का चैक मिला। उन्होंने कहा कि नुकसान की भरपाई इस तरह से भी होती है ये नहीं सोचा था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करके सरकार ने सराहनीय कार्य किया है।
जींद के किसान अर्जुन सिंह जिन्हें चार लाख 80 हजार 295 रूपये का चैक मिला, कहते हैं कि जीरी की फसल खराब हुई थी। पहले तो इस तरह से इतना बीमा क्लेम नहीं होता था। आज चैक मिला तो पता चला कि सरकार हर किसान का भला करना चाह रही है। जमीन से फसल कितनी होगी, यहा कौन जानता है, मगर उत्पादन औरों से कम है तो मुआवजा मिलेगा, सच में सुखद एहसास है।
भिवानी के किसान सतपाल सिंह कहते हैं कि भिवानी की जमन रेतीली है। ज्यादा उपज भी नहीं होती। बीमा के माध्यम से मदद मिली है। करीब एक लाख 80 हजार की मदद परिवार के लिए बहुत सहारा बनेगी।
रेवाड़ी के किसान सुनील कहते हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की स्कीम कारगर साबित हुई है। प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। कुछ लोग किसानों को बरगलाते रहे हैं कि बीमा से किसानों को नुकसान हुआ है। आज उनको दिखाई दे जाएगा कि बीमा करवाने से ही वे उबरे हैं। यदि बीमा नहीं होती आज उसे एक लाख से ज्यादा का चैक नहीं मिलता।
गुरुग्राम के किसान राजरूप कहते हैं कि सरकार की स्कीम कमाल की है। यदि किसान की फसल का नुकसान होने पर उसे मदद मिल जाएगी तो किसान आत्महत्या नहीं करेगा। माढी गांव के किसान दलीप भी कहते हैं कि बीमे ने नुकसान से बचा लिया। हालांकि पिछले साल उनकी फसल जल गई थी, जिसके एवज में मदद नहीं मिलीं। आज नुकसान की भरपाई होने से सुखद है। इस बार तो कृषि मंत्री श्री ओमप्रकाश धनखड़ ने जली फसल का 12 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देने का ऐलान किया है। यह भी उन किसानों को राहत देगा जिनकी फसल जली है। किसान दलीप ने अपने पिछले नुकसान की भरपाई करने की मांग भी मुख्यमंत्री के सामने रखी।
बहरहाल, 27 किसानों को 61 लाख से अधिक के चैक पाने के बाद किसानों ने एक साथ कहा कि वास्तव में इस योजना का लाभ मिला है। ज्ञात हो कि इस बार करीब 219 करोड़ का मुआवजा किसानों को दिया जाएगा, जिनकी फसल क्रॉप कटिंग में सैंपल में औसत उत्पादन से कम रही है।