*दिल्ली: पीएमओ अधिकारियों को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ” हमने 2014 से जो कदम उठाए हैं, हमने इसे एक उत्प्रेरक एजेंट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया है…पीएमओ को लोगों का पीएमओ होना चाहिए और यह मोदी का पीएमओ नहीं हो सकता…”*
10 साल पहले हमारे देश में एक छवि बनी हुई थी कि पीएमओ एक शक्ति का केंद्र है, एक बहुत बड़ा पावर सेंटर है और मैं न सत्ता के लिए पैदा हुआ हूं और न मैं शक्ति आर्जित करने के लिए सोचता हूं। “*
“हम वो लोग नहीं हैं जिनका ऑफिस इतने बजे शुरू होता है और इतने बजे खत्म होता है। हम वो लोग नहीं हैं, हम समय से बंधे नहीं हैं, हमारी सोच की कोई सीमा नहीं है, और हमारे प्रयासों का कोई मापदंड नहीं है। जो इससे परे हैं वो मेरी टीम हैं और देश उस टीम पर भरोसा करता है।”*