सरकार की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर 2021 से स्क्रैप बेचकर लगभग 1,163 करोड़ रुपए कमाए गए हैं, जिसमें इस साल अक्टूबर में एक महीने के लंबे अभियान के दौरान कमाए गए 557 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्टूबर 2021 से केंद्र सरकार के कार्यालयों में आश्चर्यजनक संख्या में 96 लाख फाइलों को हटा दिया गया है।
कुल मिलाकर सरकारी कार्यालयों में लगभग 355 लाख वर्ग फुट जगह खाली की गई है। इससे कार्यालयों में गलियारों की सफाई, खाली जगह का मनोरंजन केंद्रों और अन्य उपयोगी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने लगा है।
अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस साल की शुरुआत में कहा था, “रूसी चंद्रमा मिशन, जो असफल रहा, की लागत 16,000 करोड़ रुपए थी। हमारे (चंद्रयान -3) मिशन की लागत लगभग 600 करोड़ रुपए थी। चंद्रमा और अंतरिक्ष मिशनों पर आधारित हॉलीवुड फिल्मों की लागत 600 करोड़ रुपये से अधिक है।”
स्क्रैप की बिक्री से 1,163 करोड़ रुपए के राजस्व का आंकड़ा दर्शाता है कि स्वच्छता पर सरकारी कार्यक्रम कितना बड़ा और महत्वपूर्ण रहा है। इसमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान रहा है। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने इस अभियान का नेतृत्व किया।
अधिकतम राजस्व किसने अर्जित किया?
सरकार को इस साल स्क्रैप बेचकर जो 556 करोड़ रुपए की कमाई हुई, उसमें से अकेले रेल मंत्रालय को करीब 225 करोड़ रुपए की कमाई हुई। अन्य प्रमुख कमाई करने वालों में रक्षा मंत्रालय – 168 करोड़ रुपए, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय – 56 करोड़ रुपए और कोयला मंत्रालय – 34 करोड़ रुपए शामिल थे।
रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष मुक्त की गई कुल 164 लाख वर्ग फुट जगह में से कोयला मंत्रालय में सबसे अधिक 66 लाख वर्ग फुट और मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक एंटरप्राइजेज में 21 लाख वर्ग फुट जगह खाली की गई। इसके बाद रक्षा मंत्रालय में 19 लाख वर्ग फुट जगह खाली की गई। इस वर्ष, लगभग 24 लाख फाइलें हटाई गईं और सबसे अधिक विदेश मंत्रालय (3.9 लाख फाइलें) में छंटनी की गई। उसके बाद सैन्य मामलों के विभाग (3.15 लाख फाइलें) में छंटनी की गई। स्वच्छता अभियान के प्रभाव के कारण सरकार में कुल मिलाकर ई-फाइल अपनाने की दर लगभग 96% हो गई है। इस वर्ष इस अभियान में लगभग 2.58 लाख कार्यालय स्थल शामिल किए गए।
डीएआरपीजी के सचिव वी श्रीनिवास ने कहा, “स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित मामलों को कम करने के लिए विशेष अभियान 3.0 कार्यालय स्थानों में स्वच्छता के लिए भारत के अब तक के सबसे बड़े अभियान का प्रतिनिधित्व करता है। पूरे भारत और विदेशों में 2,58,673 कार्यालयों में चलाए गए एक महीने के अभियान के परिणामस्वरूप 164 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान खाली कराया गया। 24.07 लाख फाइलों की सफाई की गई और कार्यालय स्क्रैप के निपटान से 556.35 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया।” उन्होंने आगे कहा, “विशेष अभियान 3.0 लंबित मामलों में महत्वपूर्ण कमी लाने में सफल रहा और मंत्रालयों/विभागों ने सार्वजनिक शिकायतों, रिकॉर्ड प्रबंधन प्रथाओं और एमपी संदर्भों के उत्तरों के निवारण में लगभग 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किए। स्वच्छता आकलन रिपोर्ट 2023 प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में विशेष अभियान 3.0 के सफल कार्यान्वयन में सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों का दस्तावेजीकरण करते हुए मंत्रिपरिषद, भारत सरकार के सचिवों द्वारा निभाई गई नेतृत्वकारी भूमिका को प्रस्तुत करती है। स्वच्छता अभियान प्रथाओं को सरकार में संस्थागत बनाया जाएगा और प्रति सप्ताह तीन घंटे स्वच्छता गतिविधियों के लिए समर्पित किए जाएंगे।”