एनजीटी की रिपोर्ट में खुलासा, धीमा जहर पी रहे 17 जिलों के लोग
कैग और जल जीवन मिशन की रिपोर्ट भी उठा चुकी पेयजल पर सवाल
चंडीगढ़, 29 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। एनजीटी की रिपोर्ट से खुलासा हो रहा है कि पेयजल में आर्सेनिक व फ्लोराइड की मात्रा कहीं अधिक है, जिसे देखकर लगता है कि 17 जिलों के लोग तो पेयजल की बजाए धीमा जहर पी रहे हैं। इससे पहले कैग और जल जीवन मिशन की रिपोर्ट भी प्रदेश में पेयजल की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर चुकी हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के 22 में से 17 जिलों अंबाला, भिवानी, फरीदाबाद, झज्जर, जींद, करनाल, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, महेंद्रगढ़, पलवल, पंचकूला, रेवाड़ी और कैथल के भू-जल में आर्सेनिक 0.05 से .50 मिलीग्राम और फ्लोराइड की मात्रा दो से पांच मिलीग्राम तक है। जबकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के मुताबिक पेयजल में आर्सेनिक की 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर और फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्सेनिक के कारण सबसे अधिक गंभीर बीमारी कैंसर होने लगता है। आर्सेनिक के अधिक सेवन से मोटापा, हथेलियों, तलवों और पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, असामान्य दिल की धडक़न, आंशिक पक्षघात, अंधापन, ऐंठन जैसी बीमारी होने लगती हैं। इसी तरह पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने के कारण गठिया रोग होने की संभावना अधिक रहती है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले दिनों कैग की रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि दूषित जल पीने से 2016-21 के दौरान प्रदेश में 14 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि जल जनित बीमारियों के 2901 मामले सामने आए। पेयजल के 25 नमूनों में से 23 में क्लोरीन की मात्रा बिल्कुल नहीं मिली। इससे पहले जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण जल आपूर्ति के स्त्रोतों, वाटर सप्लाई पाइंट के साथ ही सार्वजनिक और निजी जल निकायों से करीब 77 हजार सैंपल लिए थे। इनमें से 20194 नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 13828 परीक्षण में फेल पाए गए। पानी के 5126 नमूनों में तो आर्सेनिक, मरकरी व यूरेनियम की मात्रा भी अधिक पाई गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वच्छ पेयजल देने के नाम पर प्रदेश सरकार साल भर में करीब 1700 करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन, जब पानी में क्लोरीन तक नहीं डाली जा रही है तो साफ है कि पूरा बजट आपसी मिलीभगत से भ्रष्टाचारियों की जेबों में पहुंच रहा है। तीन-तीन बड़ी रिसर्च रिपोर्ट से बड़े-बड़े दावे करने वाली गठबंधन सरकार की पोल पूरी तरह खुल चुकी है कि वह राज्य के लोगों को उनकी मूलभूत जरूरत स्वच्छ पेयजल तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है।
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:-The BJP-JJP Government has failed to provide clean drinking water:-Kumari Selja
:-The 16 people have died due to contaminated water:- Kumari Selja
:-The people of the state are consuming slow poison in the form of water:-Kumari Selja
:-The People in 17 districts are compelled to drink contaminated water According to the NGT report:-Kumari Selja
:-The Reports of CAG and Jal Jeevan Mission have also raised questions on drinking water:-Kumari Selja
:-The Alliance Government has failed to provide basic facilities to the people of the state:-Kumari Selja
Chandigarh, 29th December
The General Secretary of the All India Congress Committee and former Central Minister, Kumari Selja said that the BJP-JJP Alliance government has completely failed to provide clean drinking water to the people of the state. The NGT report reveals that the level of arsenic and fluoride in drinking water is higher in some areas, indicating that people in 17 districts are drinking slow poison instead of potable water. Earlier, reports from CAG and Jal Jeevan Mission had also raised questions about the quality of drinking water in the state. In a statement released to the media, Kumari Selja said that among the 22 districts in the state, Ambala, Bhiwani, Faridabad, Jhajjar, Jind, Karnal, Panipat, Rohtak, Sirsa, Sonipat, Yamunanagar, Mahendragarh, Palwal, Panchkula, Rewari, and Kaithal have arsenic levels ranging from 0.05 to 0.50 milligrams and fluoride levels from two to five milligrams in their groundwater. According to the World Health Organization standards, arsenic in drinking water should not exceed 0.01 milligrams per litre, and fluoride levels should not be more than 1.5 milligrams per litre. She said that due to excessive intake of arsenic, the most serious illness that occurs is cancer. High consumption of arsenic leads to various diseases such as obesity, pain in the hands, feet, and lower back, stomach pain, vomiting, diarrhea, irregular heartbeat, partial paralysis, blindness, and convulsions. Similarly, higher levels of fluoride in drinking water increase the likelihood of arthritis. Kumari Selja said that a recent report from the CAG revealed that during 2016-21, 14 people in the state had died due to drinking contaminated water, with 2,901 cases of waterborne diseases reported. Out of 25 water samples, chlorine was absent in 23, indicating contamination. Previously, under the Jal Jeevan Mission, around 77,000 samples were collected from rural water sources, water supply points, as well as public and private water bodies. Out of these, testing of 20,194 samples found 13,828 to be unsatisfactory. Among 5,126 water samples, higher quantities of arsenic, mercury, and uranium were found. The former Central Minister said that the state government spends around 1,700 crore rupees annually in the name of providing clean drinking water, yet failing to even add chlorine to the water. This suggests that the entire budget is being corrupted through mutual collusion among corrupt officials. The grand claims made by the alliance government based on three major research reports have completely exposed their incompetence in providing the people of the state with their basic necessity of clean drinking water. Selja said that the state government has failed in every aspect to provide basic amenities to the public, and all promises and claims made to the people have turned out to be hollow.