चंडीगढ़।
किसान आंदोलन मसाला।
हरियाणा के राज्यपाल से मिला 21 सदस्य किसानों का प्रतिनिधि मंडल।
राज्यपाल को ज्ञापन ज्ञापन के बाद किसान नेताओं ने दी जानकारी।
किसान नेता रतन मान का बयान।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से संत किसान संयुक्त किसान मोर्चा के विभिन्न संगठनों के 21 प्रतिनिधियों ने मुलाकात की और किसानों द्वारा तैयार ज्ञापन सौंपा।
राज्यपाल ने बहुत अच्छा समय दिया।
सभी मुद्दों पर बड़ी-बड़ी बातचीत हुई।
राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि सरकार के पास ज्ञापन भेज कर मांगे पूरी करवाने का काम करेंगे।
राज्यपाल को सौंप गए ज्ञापन में न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून, लखीमपुर खीरी मामले में इंसाफ, गिरफ्तार किसानों की रिहाई, पराली और बिजली बिल के साथ ही कर्ज माफी पर भी बात हुई।
11 दिसंबर को हिसार में बैठक कर अगली रणनीति तैयार करेंगे।
किसान नेता सुरेश कोथ बयान।
हम मोदी सरकार को चुनौती देते हैं कि उनकी मांगे जल्द से जल्द पूरी की जाए। वरना एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
किसान इस देश का मालिक है और आगे भी लड़ने को तैयार है।
पिछले करीबन 2 साल के दौरान किसान संगठन 15 ज्ञापन केंद्र सरकार को दे चुकी है।
लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। यदि अब भी बात नहीं सुनी तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा में आज देश भर के किस संगठन शामिल है।
देश में किसानों को msp तब दी गई थी जब अनाज की कमी थी।
केंद्र सरकार को देश में 23 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ बाकी फसलों का भी MSP घोषित करना चाहिए।
पिछले दिनों किसानों की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि 15 साल के दौरान किसानों को 45 लाख करोड़ का घाटा हुआ है। किसानों को गर्द में धकेला जा रहा है।
किसान नेता विकास सीसर का बयान।
सरकार आंदोलन कर रहे किसानों को परेशान कर रही है।
उनको लीगल नोटिस भेज रही है। जबकि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी है, गवर्नर भी उनका है।
उनको मिलने से कैसे रोका जा सकता है।
हमारा यह तीन दिन का आंदोलन दिल्ली में होने वाले बड़े आंदोलन की एक बड़ी तैयारी है।
सरकार मांगे तुरंत मांग ले तो अच्छा होगा।
लोकसभा से पहले सभी मांगे पूरी करनी होगी।