पीड़ित परिजनों को कम से कम 50-50 लाख रुपए की दी जाए आर्थिक सहायता
कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर उठाई मांग
चंडीगढ़, 10 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर मांग की है कि जहरीली शराब कांड की पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच करवाई जाए और पीड़ित परिजनों को कम से कम 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि इस कांड में जो भी लोग लिप्त है उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कुमारी सैलजा ने कहा कि वे आपका ध्यान हरियाणा के जिला यमुनानगर और अंबाला में जहरीली शराब पीने से हुई अनेक लोगों की मौत और अनेक लोगों के प्रभावित होने की घटना की ओर दिलवाना चाहती है। इन घटनाओं के परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से प्रभावित हो गए हैं। यह एक अत्यंत चिंताजनक मामला है। यमुनानगर पुलिस ने इस मामले में अभी तक जजपा के रादौर हलका प्रधान राजकुमार बुबका के बेटे गौरव बुबका, कांग्रेस नेता मांगेराम मारूपुर, शराब ठेकेदार गांव कुलपुर निवासी प्रदीप, गांव थंबड निवासी कपिल, गौरव, गांव मंडेबरी निवासी रमेश उर्फ भींडी और रॉकी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार गौरव और मांगेराम शराब ठेकेदार है और राकी और रमेश ने गांव में जाकर शराब बेची थी।
पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास हैं कि आप इस मामले को अति गंभीरता से लेंगे। जहरीली शराब के निर्माण और वितरण के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के साथ-साथ, आपसे मांग है कि आप जनता को इस तरह की घटनाओं के बारे में जागरूक करने के लिए भी कदम उठाये। आपसे यह भी मांग है कि इस जहरीली शराब कांड की पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच करवाई जाए। इस मामले में पीड़ित परिजनों को कम से कम 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएं। साथ ही आर्थिक सहायता राशि दोषियों से भी वसूल की जाए। साथ ही जो लोग जहरीली शराब पीने से पीड़ित है उनके उपचार की व्यवस्था सरकारी खर्चे पर करवाई जाए। जहरीली शराब कांड में मारे गए लोगों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी सरकार की ओर से वहन किया जाना चाहिए। आपसे अपेक्षा है कि आप इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और न्याय प्रदान करेंगे।