भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अजीत अगरकर को मंगलवार को सीनियर मैन्स सिलेक्शन कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। अगरकर इस पोस्ट की रेस में सबसे आगे चल रहे थे और पहले से ही उनका नाम तय माना जा रहा था। बीसीसीआई ने एक बयान जारी किया जिसमें लिखा था कि क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) के तीनों सदस्यो ने सर्वसम्मति से चीफ सिलेक्टर की पोस्ट के लिए अजीत अगरकर की सिफारिश की है।
सीएसी में सुलक्षणा नाइक, अशोक मल्होत्राऔर जतिन परांजपे शामिल थे। समिति ने टेस्ट मैचों की कुल संख्या के आधार पर सिलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष की भूमिका के लिए अगरकर की सिफारिश की। वनडे क्रिकेट में अपने प्रदर्शन के लिए सबसे ज्यादा पहचान बनाने वाले अगरकर ने 26 टेस्ट मैचों में 3.39 की इकॉनमी के साथ 58 विकेट हासिल किए हैं। इसके अलावा अगरकर ने 191 वनडे मैच खेले हैं और 5.07 की इकॉनमी के साथ 288 विकेट लिए हैं।
अगरकर गेंद के साथ बल्ले से भी ठीक-ठाक थे। उनकी बैटिंग ने कुछ यादगार पल दिए हैं, जिसमें उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का सबसे बड़ा क्षण 2002 में आया, जब उन्होंने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ शतक बनाया। इस पारी के साथ, उनका नाम अब लॉर्ड्स ऑनर बोर्ड पर है। इतना ही नहीं, उन्होंने वनडे में सबसे तेज अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड भी बनाया था। अगरकर ने 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 27 गेंदों पर नाबाद 67 रन बनाए थे।
अगरकर ने वनडे प्रारूप में सबसे तेज 50 विकेट लेने के ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेनिस लिली के रिकॉर्ड को भी तोड़ा। लिली ने 24 मैचों में यह उपलब्धि हासिल की थी, लेकिन अगरकर अपने 23वें वनडे मैच में ही ऐसा करने में कामयाब रहे। इसके बाद 2009 में, श्रीलंका के स्पिनर अजंता मेंडिस ने अपने 19वें वनडे में यह उपलब्धि हासिल करके अगरकर को पीछे छोड़ दिया था। अगरकर को भारत को दूसरा कपिल देव माना जाता था क्योंकि उनकी करियर की शुरुआत ही कुछ ऐसी हुई थी। हालांकि वे बैट से कंसिस्टेंट नहीं रह पाए और टेस्ट मैचों में भी वनडे वाला मुकाम नहीं बना पाए। इसके बावजूद अगरकर भारतीय एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक हैं।
अब भारतीय सिलेक्शन कमेटी इस तरह से है-
अजीत अगरकर (अध्यक्ष), शिव सुंदर दास, सुब्रतो बनर्जी, सलिल अंकोला, श्रीधरन शरथ।