चण्डीगढ़ : हरियाणा सरकार ने आगामी मानसून मौसम को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण के उपायों के लिए एक राज्य एकीकृत कार्य योजना तैयार की है। इन उपायों में जलाशयों की गाद निकालना, नहरों को पक्का करना, तालाबों और जलाशयों का निर्माण तथा पौधारोपण करना शामिल है। इस बात की जानकारी आज यहां हरियाणा के मुख्य सचिव श्री डी.एस.ढेसी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में दी गई।
जल संरक्षण हेतु राज्य एकीकृत कार्य योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अल्पावधि, मध्यम अवधि और दीर्घावधि उपाय करने का निर्णय लिया गया। मुख्य सचिव ने सिंचाई, कृषि, विकास एवं पंचायत तथा जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभागों को इस कार्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निर्देश जारी किये।
अल्पावधि उपायों में 170 जलाशयों की गाद निकालने तथा उनके पुनरोद्घार के लिए छ: सप्ताह की एक योजना शामिल होगी। इन जलाशयों में टैंक, फार्म तालाब और सामुदायिक तालाब शामिल हैं। इसके अलावा, 194 नये फार्म तालाबों, सामुदायिक तालाबों, टैंकों और जलाशयों का निर्माण किया जाएगा। जल संरक्षण के लिए 175 भू-जल रिचार्ज स्ट्रक्चर तथा छतों पर 56 रेनवाटर हारवेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने का भी निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा, 598 किलोमीटर लम्बी नहरों एवं जलमार्गों को पक्का किया जाएगा तथा उनका सुधार किया जाएगा और 51 चैक डैम बनाए जाएंगे। छ: हैक्टेयर के क्षेत्र पर पौधारोपण भी किया जाएगा। ये विभाग इस अवधि के दौरान 154 अन्य संरक्षण उपाय भी करेंगे।
मध्यम अवधि उपायों के रूप में, सिंचाई विभाग ने 13 जिलों में सिंचाई उद्देश्यों के लिए सौर पम्पों के साथ पानी उठाने की 25 करोड़ रुपये की लागत की एक सूक्ष्म सिंचाई परियोजना तैयार की है। दीर्घ अवधि उपायों के रूप में, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत 29 करोड़ रुपये के निवेश की एक परियोजना केन्द्र सरकार के अनुमोदन के लिए भेजी गई है।