हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कलाकार की अपनी एक अलग स्थायी पहचान होती है। कलाकार अपनी कला से पूरी दुनिया में एक अच्छा संदेश दे सकता है। कलाकार ही संस्कृति का आदान-प्रदान करता है। राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में कलाकारों का अहम योगदान होता है। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज केवल व्यापार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा और समाज सेवा के प्रति भी अग्रणी है। देश के विकास में वैश्य समाज की विशेष भूमिका है।
राज्यपाल दत्तात्रेय भिवानी स्थित वैश्य महाविद्यालय में शनिवार को आयोजित राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम अभिव्यंजना के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज की गतिविधियों में महिलाओं को अग्रणी रखना चाहिए। महिलाओं ने आज हर मुकाम को हासिल कर लिया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजन केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि कला, साहित्य, संस्कृति और अभिव्यक्ति का एक ऐसा उत्सव है, जो हमें हमारे महान इतिहास से जोड़ता है और भावी पीढिय़ों को हमारी समृद्ध संस्कृति के बारे में जानने की प्रेरणा देता है। किसी भी देश व प्रदेश की पहचान वहां की संस्कृति से होती है। हमारी देश की महान संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हमारे देश में विभिन्न प्रकार की वेशभूषा, खान-पान, रीति-रिवाज होने के बावजूद भी हमारी संस्कृति हमें एकता के सूत्र में पिरोए रखने का कार्य करती है। इसलिए विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। इससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है।
उन्होंने कहा कि अभिव्यंजना केवल एक शब्द नहीं है, यह एक भावना है, एक संकल्प है, जो हमें अपनी भावनाओं, विचारों और प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने का अवसर देता है। इस एक दिवसीय राज्यस्तरीय सांस्कृतिक समारोह में ललित कला, साहित्य, नृत्य, गायन और अभिनय की नौ विधाओं को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि वैश्य कॉलेज का इतिहास गौरवमयी और प्रेरणादायक है। इसकी स्थापना आजादी से पहले, वर्ष 1944 में हुई थी, जब देश स्वतंत्रता संग्राम के दौर से गुजर रहा था। उस समय इस संस्था की नींव रखने वालों का सपना था कि यहां से निकलने वाला हर विद्यार्थी न केवल शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में भी योगदान दे। इस महाविद्यालय ने कानून, शिक्षा, खेल, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, राजनीति, व्यापार और प्रशासनिक सेवाओं जैसे विविध क्षेत्रों में असंख्य सफल व्यक्तित्व दिए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि इस महाविद्यालय की प्रबंधकारिणी में ऐसी महान हस्तियां शामिल रही हैं, जिन्होंने अपने कार्यों से इतिहास रचा। इनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उन्होंने सबसे लंबे समय तक कॉलेज प्रबंधकारिणी के अध्यक्ष के रूप में दायित्व निभाया और इस संस्थान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि वैश्य महाविद्यालय का शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान है। जिला भिवानी व आसपास इलाके के युवा इससे बहुत लाभान्वित हो रहे हैं। इस महाविद्यालय में महान हस्तियां हुई हैं, जिन्होंने देश व दुनिया में अपना नाम रोशन किया है। आज इस महाविद्यालय की अपनी अलग पहचान है। चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि सीबीएलयू के तहत आने वाले हर एक महाविद्यालय में नकल रहित परीक्षाओं का संचालन किया जाता है। वैश्य महाविद्यालय विद्यार्थियों में संस्कार भरने का काम रहा है।
समारोह को वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष शिव रत्न गुप्ता, गवर्निंग बॉडी अध्यक्ष अजय गुप्ता, उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता, प्राचार्य संजय गोयल ने राज्यपाल का स्वागत किया और वैश्य महाविद्यालय की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल द्वारा अभिव्यंजना के विजेता कलाकार विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. हरिकेश पंघाल और प्रोमिला सिहाग ने किया।
इस मौके पर नगराधीश अनिल कुमार, शांति सेना अध्यक्ष संपूर्ण सिंह, डॉ. पवन बुवानीवाला, बृजलाल सर्राफ, प्रो. सतीश श्योराण, अनिल तंवर, रत्न सिंह यादव, डॉ. इंदू रानी और डॉ. कृष्ण शर्मा के अलावा कॉलेज स्टाफ सदस्य तथा गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।