Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार (29 मार्च) को कहा कि पीएम मोदी ने अपने अरबपति दोस्तों का 16 लाख करोड़ लोन माफ किया, जिससे बैंकिंग सेक्टर पर दबाव पड़ा और अब इसकी सजा बैंक कर्मचारी भुगत रहे हैं. राहुल गांधी ने यह बात ICICI बैंक के 782 कर्मचारियों की नौकरी से छुट्टी होने पर कही.
ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (AIPC) ने पिछले साल इस मामले को उठाया था. AIPC की ओर से कहा गया था कि 82 बैंक कर्मचारियों ने उन्हें चिट्ठी लिखकर अवैध तरीके से नौकरी से निकालने की शिकायत की थी. जब कांग्रेस की इस इकाई ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि 6 महीने के अंदर 782 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है. इन्हीं 782 पूर्व बैंक कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राहुल गांधी से मिला.
‘बैंकिंग सेक्टर पर संकट’
निष्कासित बैंक कर्मचारियों से लंबी बातचीत के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘भाजपा सरकार ने अपने अरबपति मित्रों के 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया. कुप्रबंधन के साथ-साथ भाई-भतीजावाद ने भारत के बैंकिंग सेक्टर को संकट में डाल दिया. इसका पूरा बोझ जूनियर कर्मचारियों पर पड़ता है.’
राहुल ने लिखा, ‘ICICI बैंक के 782 पूर्व कर्मचारियों की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने कल संसद में मुझसे मुलाकात की. उनकी कहानियों में एक परेशान करने वाला पैटर्न सामने आया. कर्मचारियों को NPA उल्लंघनकर्ताओं को अनैतिक लोन देने का खुलासा करने के कारण प्रतिशोध का सामना करना पड़ा और उचित प्रक्रिया के बिना बर्खास्तगी झेलनी पड़ी. उनका ऑफिस में उत्पीड़न भी हुआ और जबरन ट्रांसफर भी किया गया.’
The BJP government has written off ₹16 lakh crore in loans for their billionaire friends. Cronyism, coupled with regulatory mismanagement has pushed India’s banking sector into crisis. This burden is ultimately borne by junior employees, who endure stress and toxic work… pic.twitter.com/v9BoxDgQVY
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 29, 2025
‘हम यह मुद्दा उठाएंगे’
राहुल गांधी ने लिखा, ‘इसके कारण दो मामलों में आत्महत्या भी हुई. भाजपा सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन की मानवीय कीमत चुकानी पड़ रही है. यह चिंता का विषय है जो देश भर के हजारों ईमानदार कामकाजी पेशेवरों को प्रभावित करता है. कांग्रेस पार्टी इन कामकाजी वर्ग के पेशेवरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने और कार्यस्थल पर इस तरह के उत्पीड़न और शोषण को समाप्त करने के लिए इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से उठाएगी.’