Budget 2025: देश का आम बजट 2025-26 शनिवार 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाला है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करेंगी। यह उनका लगातार आठवां बजट होगा। निर्मला सीतारमण लगातार आठ बार केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री हैं। ऐसे में हर संस्था बजट से क्या उम्मीदें हैं…इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी बताया है कि बजट 2025 में किस-किस सेक्टर को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसमें मिडिल क्लास को राहत, छाते और जूते जैसे चाइनीज प्रोडक्ट पर टैरिफ लगाना, एसएमई को बढ़ावा देना, राष्ट्रीय संपत्तियों पर फोकस और एजुकेशन और ट्रेनिंग पर बजट का बड़ा हिस्सा आवंटित होना चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी बताया है कि बजट 2025 में किस-किस सेक्टर को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसमें मिडिल क्लास को राहत, छाते और जूते जैसे चाइनीज प्रोडक्ट पर टैरिफ लगाना, एसएमई को बढ़ावा देना, राष्ट्रीय संपत्तियों पर फोकस और एजुकेशन और ट्रेनिंग पर बजट का बड़ा हिस्सा आवंटित होना चाहिए।
Budget News: RSS से जुड़े संगठनों ने निर्मला सीतारमण से क्या की सिफारिशें?
लघु और मध्यम उद्योगों, व्यापारियों, श्रम अधिकारों और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले लघु उद्योग भारती (LUB), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और स्वदेशी जागरण मंच (SJM) सहित संघ परिवार से जुड़े आधा दर्जन से अधिक संगठनों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और बजट को लेकर अपनी सिफारिशें की थी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मानना है कि जहां बड़े पैमाने पर सुधार, टैक्स कलेक्शन और राजस्व सृजन जरूरी है, वहीं आर्थिक नीतियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मिडिल क्लास परिवारों पर बोझ कम हो, मिडिल क्लास को राहत मिलनी चाहिए, लोकल बिजनेसमैन को ज्यादा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को निजीकरण से बचाया जाना चाहिए।
मिडिल क्लास के लिए बजट में क्या हो? RSS ने बताया
आरएसएस ने मिडिल क्लास के लिए बढ़ती महंगाई को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और भाजपा के मतदाता आधार का बड़ा हिस्सा हैं, इसलिए बजट में इनको प्रमुखता देनी चाहिए। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि संघ को कुछ टैक्स राहत, मेडिकल सेक्टर सेवा और शिक्षा जैसे आवश्यक खर्चों पर अधिक कटौती और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सख्त उपायों की उम्मीद है। आरएसएस से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) और लघु उद्योग भारती ने बार-बार स्थानीय व्यवसायों को समर्थन देने और बहुराष्ट्रीय निगमों पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। संघ परिवार एसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए आसान लोन, कम लागत और घरेलू निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन चाहता है।