Waqf Amendment Bill: संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार दोपहर वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) पर चर्चा के बाद 44 में से 14 संशोधन को मंजूरी दी। यह विधेयक पिछले साल अगस्त में संसद में पेश किया गया था। समिति का नेतृत्व सत्तारूढ़ भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं। हालांकि, समिति ने विपक्ष द्वारा सुझाए गए बदलावों को खारिज कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, इन 14 बदलावों को स्वीकार करने के लिए 29 जनवरी को मतदान होगा और अंतिम रिपोर्ट 31 जनवरी तक सौंप दी जाएगी। पहले यह रिपोर्ट 29 नवंबर तक जमा करनी थी, लेकिन इसकी समय सीमा बढ़ाकर बजट सत्र के अंतिम दिन, 13 फरवरी कर दी गई।
जगदंबिका पाल ने कहा, “कुल 44 संशोधनों पर चर्चा की गई। छह महीने तक चली विस्तृत चर्चाओं में सभी सदस्यों से सुझाव मांगे गए। यह हमारी अंतिम बैठक थी। समिति ने बहुमत के आधार पर 14 संशोधनों को मंजूरी दी। विपक्ष ने भी अपने संशोधन सुझाए, जिन्हें वोटिंग में रखा गया। विपक्ष के सुझावों को 10 वोट मिले, जबकि 16 वोट उनके खिलाफ थे।”
सुनवाई में हंगामा, पक्षपात के आरोप
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए गठित समिति की कई सुनवाइयां हुईं, लेकिन इनमें से कई हंगामे की भेंट चढ़ गईं। विपक्षी सांसदों ने समिति के अध्यक्ष पर सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया। पिछले सप्ताह, विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। उनका कहना था कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल वक्फ संशोधन बिल को जल्दबाजी में पारित करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली चुनाव पर प्रभाव डालना है।
विपक्षी सांसदों का निलंबन
विपक्ष के 10 सांसदों के निलंबन के बाद विवाद और बढ़ गया। निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी शामिल थे, जो वक्फ संशोधन बिल के कट्टर आलोचक हैं। अक्टूबर में, कल्याण बनर्जी ने एक बैठक के दौरान गुस्से में आकर एक बोतल तोड़ दी और अध्यक्ष पर फेंक दी। बाद में उन्होंने बताया कि भाजपा सांसद और पूर्व कलकत्ता हाई कोर्ट जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने उनके परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे वह उग्र हो गए।
वक्फ संशोधन बिल के प्रस्तावित बदलाव
विधेयक में वक्फ बोर्ड के प्रशासन में कई बड़े बदलाव प्रस्तावित हैं। इनमें गैर-मुस्लिम और कम से कम दो महिला सदस्यों को नामित करना शामिल है। इसके अलावा, केंद्रीय वक्फ परिषद में एक केंद्रीय मंत्री, तीन सांसद, दो पूर्व न्यायाधीश, चार प्रतिष्ठित लोग और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे, जो इस्लाम धर्म से नहीं भी हो सकते।