S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। बुधवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने नवनियुक्त अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बैठक के बाद 2023 में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मामला है और इसके आरोपियों को कटघरे में लाया जाना चाहिए।
वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ‘सैन फ्रांसिस्को में हमारे वाणिज्य दूतावास पर आगजनी का हमला एक बहुत ही गंभीर मामला है, और यह ऐसा कुछ है जिसके लिए हम जवाबदेही की उम्मीद करते हैं। हम यह देखना चाहेंगे कि जिन लोगों ने ऐसा किया है, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास पर मार्च 2023 में हमलावरों के एक समूह ने हमला किया था। घुसपैठियों ने आपराधिक अतिक्रमण किया था, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों पर हमला किया था। कुछ लोगों ने ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग करके इमारत को आग लगाने का भी प्रयास किया। भारतीय वाणिज्य दूतावास पर बार-बार हमले इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों को अस्थायी सुरक्षा अवरोधकों को तोड़ते हुए खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए देखा गया था। उन्होंने वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो खालिस्तानी झंडे भी लगा दिए थे। इसके घटना के लगभग तीन महीने बाद जुलाई में फिर से हिंसक खालिस्तानी कार्यकर्ताओं ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया और उसे जलाने की कोशिश की।
हालांकि, इस घटना से राजनयिक भवन परिसर के अंदर कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह दूसरी बार था जब खालिस्तानियों ने सुरक्षा बलों के वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया। जयशंकर ने कहा कि उस समय यह हमला वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीतिक तंत्र के सर्वोच्च स्तर के ध्यान में लाया गया था।
कार्रवाई देखना चाहते है, न कि सहानुभूति
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह इस मामले में कार्रवाई देखना चाहता है, न कि केवल सहानुभूति। वह चाहता था कि इन घटनाओं में शामिल लोगों की गिरफ़्तारी हो और भविष्य में ऐसे किसी भी हमले को रोकने के लिए अमेरिकी अधिकारी एहतियाती कदम उठाएं।
बांग्लादेश के मुद्दे पर की चर्चा
इसके अलावा जयशंकर ने यह भी कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ उन्होंने बांग्लादेश पर संक्षिप्त चर्चा की। लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कोई और जानकारी शेयर नहीं की। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया है उनके साथ बांग्लादेश के मुद्दे पर चर्चा की।
वीज़ा में देरी पर चिंताएं
इसके अलावा, जयशंकर ने रुबियो के साथ वीज़ा में होने वाली लंबी देरी के बारे में भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ये देरी व्यापार, पर्यटन और समग्र संबंधों को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा था कि अगर लोगों को वीजा मिलने में इतने दिन लग जाते हैं तो यह ‘अच्छी तरह से सेवा’ नहीं है।