नई दिल्ली : लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार को अस्पताल में निधन हो गया। वे बीते काफी समय से बीमार थे। हाल ही में उनकी बायपास सर्जरी हुई थी। बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट करके उनके निधन की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, पापा… अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। सियासी हस्तियों ने पासवान के निधन पर शोक संवेदना जताते हुए इसे अपूर्णीय क्षति बताया है।
देश ने दूरदर्शी नेता खोया : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है। उनकी गणना सर्वाधिक सक्रिय और सबसे लंबे समय तक जनसेवा करने वाले सांसदों में की जाती है। वे वंचित वर्गों की आवाज मुखर करने वाले तथा हाशिए के लोगों के लिए सतत संघर्षरत रहने वाले जनसेवक थे। आपातकाल विरोधी आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण जैसे दिग्गजों से लोकसेवा की सीख लेने वाले पासवान जी फायरब्रांड समाजवादी के रूप मे उभरे। उनका जनता के साथ गहरा जुड़ाव था और वे जनहित के लिए सदा तत्पर रहे। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदना।’
कभी नहीं भरी जा सकेगी यह रिक्तता : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने पासवान के निधन पर कहा कि इस दुख को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। पासवान जी का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। देश की सियासत में इस रिक्तता को कभी नहीं भरा जा सकेगा। मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी को खो दिया है। पासवान हर गरीब को यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक थे कि वह गरिमामय जीवन बसर करे। प्रधानमंत्री ने कहा कि राम विलास पासवान जी ने दृढ़ संकल्प के साथ से राजनीति में कदम रखा था। एक युवा नेता के रूप में उन्होंने आपातकाल के दौरान अत्याचार और लोकतंत्र पर हमले का विरोध किया था। वह एक उत्कृष्ट सांसद और मंत्री थे जिन्होंने विभिन्न नीतिगत क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान दिया।
सबके प्रिय थे पासवान : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, सदैव गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण और अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले हम सबके प्रिय राम विलास पासवान जी के निधन से मन अत्यंत व्यथित है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा राष्ट्रहित और जनकल्याण को सर्वोपरि रखा। उनके स्वर्गवास से भारतीय राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हो गया है। चाहे साल 1975 के आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष करना हो या मोदी सरकार में कोरोना महामारी में गरीब कल्याण के मंत्र को सार्थक करना हो, राम विलास पासवान जी ने इन सभी में अद्वितीय भूमिका निभाई है। कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहते हुए, पासवान जी अपने सरल और सौम्य व्यक्तित्व से सबके प्रिय रहे।
गरीबों, वंचितों, दलितों की आवाज उठाई : तेजस्वी यादव
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि रामविलास पासवान जी का निधन एक बेहद ही दुखद समाचार है। उन्होंने जिंदगी भर गरीबों की, वंचितों की, शोषितों की, दलितों की आवाज उठाई है और उत्थान की बात कही है। हमारे पिता से उनके बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। हम लोग एक परिवार के रूप में रहे हैं।
बिहार की राजनीति के लिए बड़ा नुकसान : राबड़ी देवी
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद नेता राबड़ी देवी ने कहा, रामविलास पासवान जी के निधन से बहुत दुःखी हूं। दशकों से उनके साथ पारिवारिक संबंध रहा। ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करे और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे। पासवान जी का निधन बिहार की राजनीति के लिए बड़ा नुकसान है, लोग दुखी हैं। पूरा राजद दुखी है कि एक बड़ा नेता हमें छोड़कर चला गया।
गरीब और दलित वर्ग ने बुलंद आवाज खो दी : राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। गरीब और दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज खो दी। उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।
मिट्टी से जुड़े नेता थे पासवान : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जी का निधन मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक है। अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में उन्होंने हमेशा गरीबों, दलितों एवं वंचितों के कल्याण के लिए काम किया। उनकी गिनती बिहार की मिट्टी से जुड़े कद्दावर नेताओं में थी और उनके सभी दलों के साथ अच्छे संबंध थे। रामविलासजी के निधन से बिहार राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में भी बड़ी रिक्तता पैदा हो गई है। उनके साथ मेरी बहुत अच्छी मित्रता थी। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। इस दुःख की घड़ी में ईश्वर उनके परिवार एवं समर्थकों को संबल प्रदान करें। ॐ शान्ति!