नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 7 अक्टूबर का दिन बहुत ही खास है, क्योंकि इसी दिन 2001 में पहली बार वो गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने तक के 19 साल के सफर पर तमाम नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। साथ ही उनके ऐतिहासिक फैसलों की जमकर सराहना की। जिसके बाद देर रात पीएम मोदी ने भी लोगों का आभार जताया। साथ ही ट्वीट कर अपने ‘मन की बात’ कही।
पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि बचपन से मेरे मन में एक बात संस्कारित हुई कि जनता-जनार्दन ईश्वर का रूप होती है और लोकतंत्र में ईश्वर की तरह ही शक्तिमान होती है। इतने लंबे वक्त तक देशवासियों ने मुझे जो जिम्मेदारियां सौंपी हैं, उन्हें निभाने के लिए मैंने पूरी तरह से प्रामाणिक और समर्पित प्रयास किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज जिस प्रकार देश के कोने-कोने से आप सबने आशीर्वाद और प्रेम बरसाए हैं, उसका आभार प्रकट करने के लिए आज मेरे शब्दों की शक्ति कम पड़ रही है। देश सेवा, गरीबों के कल्याण और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का हम सबका जो संकल्प है, उसे आपका आशीर्वाद, आपका प्रेम और मजबूत करेगा।
पीएम मोदी के मुताबिक कोई व्यक्ति कभी यह दावा नहीं कर सकता कि मुझमें कोई कमी नहीं है। इतने महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरे पदों पर एक लंबा कालखंड (वक्त) एक मनुष्य होने के नाते मुझसे भी गलतियां हो सकती हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि मेरी इन सीमाओं और मर्यादाओं के बावजूद आप सबका प्रेम उत्तरोत्तर बढ़ रहा है। उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में कहा कि मैं अपने-आपको, आपके आशीर्वाद के योग्य, आपके प्रेम के योग्य बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहूंगा। देशवासियों को एक बार फिर से विश्वास दिलाता हूं कि देशहित और गरीबों का कल्याण, यही मेरे लिए सर्वोपरि है और हमेशा सर्वोपरि रहेगा।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर?
पीएम मोदी 1987 में बीजेपी से जुड़े थे। इसके बाद उन्होंने निकाय चुनाव में जमकर मेहनत की। फिर 1990 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां निभाई। बाद में 1995 में उन्हें बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव पद पर नियुक्त किया गया। इसके बाद 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। फिर 2007 और 2012 में दोबारा मुख्यमंत्री चुने गए। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत में आई और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। इसके बाद 2019 में फिर से उन्होंने जीत हासिल की। ऐसे में देखा जाए तो पिछले 19 सालों से नरेंद्र मोदी ने कभी हार का मुंह नहीं देखा।