हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने प्रदेश में 710 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस कदम से न केवल इन समितियों की दक्षता में सुधार होगा, बल्कि भ्रष्टाचार से निपटने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने डिजिटल फ्रेमवर्क में निर्बाध बदलाव सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का भी आह्वान किया।
मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी ने बुधवार को चंडीगढ़ में राज्य सहकारी विकास समितियों (एस.सी.डी.सी.) की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की।बैठक में बताया गया कि पैक्स/पी.सी.सी.एस. प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को कवर करती हैं। इसके अलावा, राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत में डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के साथ-साथ बहुउद्देशीय पैक्स के गठन के लिए एक संयुक्त कार्य समिति का गठन भी किया गया है। बैठक में यह भी बताया गया कि प्रदेश में सभी पैक्स/पी.सी.सी.एस. द्वारा उनकी व्यवहार्यता बढ़ाने और गतिविधियों में विविधता लाने के लिए नए मॉडल उप-नियमों को अपनाया गया है, ताकि वे गांव स्तर पर जीवंत आर्थिक इकाई बन सकें।केंद्र सरकार की एक पायलट परियोजना के तहत, राज्य के पैक्स नए गोदामों के निर्माण पर भी काम कर रहे हैं। पैक्स लोगों को कॉमन सर्विस सेंटर (सी.एस.सी.) सेवाएं भी प्रदान करेंगे। राज्य में 202 पैक्स द्वारा सी.एस.सी. सेवाएं पहले ही शुरू की जा चुकी हैं। चार पैक्स-बास, मतलौडा, नारनौंद और हथीरा ने जन औषधि केंद्रों में दवाओं की बिक्री शुरू कर दी है। इसके अलावा, 742 पैक्स ने प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में काम करना शुरू कर दिया है।उल्लेखनीय है कि बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत सहकारी क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अम्ब्रेला संगठन के रूप में एक नया राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड स्थापित किया गया है। इस सोसायटी के माध्यम से किसानों के उत्पादों के निर्यात में सुविधा होगी तथा किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य मिलेगा। प्रदेश में 420 समितियों को राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की सदस्यता प्रदान की गई है।इसके अलावा, 347 समितियों को राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड का सदस्य बनाया गया है, जिसे बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत एक अम्ब्रेला संगठन के रूप में स्थापित किया गया है। यह संगठन प्रमाणित और प्रामाणिक जैविक उत्पादों के उत्पादन, वितरण और विपणन के लिए काम करेगा।इसके अलावा, 499 समितियों को एक नई भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड की सदस्यता प्रदान की गई है, जिसे एक ही ब्रांड नाम के तहत उन्नत बीजों की खेती, उत्पादन और वितरण के लिए एक अम्ब्रेला संगठन के रूप में स्थापित किया गया है।मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग को सहकारी समूह आवास समितियों के सदस्यों को पेश आने वाली समस्याओं की पहचान करने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने के लिए भी कहा। यह समिति उनकी शिकायतों के समाधान के लिए अपनी सिफारिशें देगी।