हरियाणा के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि हरियाणा में प्लास्टिक पॉलीथीन को एक महीने के अंतर्गत प्रतिबंध लगाए, क्योंकि हरियाणा में पॉलीथिन प्रयोग पर बैन है।
वे आज यहां हरियाणा निवास में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उद्योगों का निरीक्षण करना चाहिए। जब भी क्षेत्रीय अधिकारी के पास ऑनलाइन पोर्टल पर उद्योग लगाने की अनुमति लेने या एनओसी के लिए आवेदन आता है तो क्षेत्रीय अधिकारी जितने भी ऑब्जेक्शन उसकी नजर में आते है उन्हें एक बार में ही लगाए। कई बार देखने में आया है कि क्षेत्रीय अधिकारी एक के बाद एक ऑब्जेक्शन लगा देते हैं जिससे लोगों को परेशानी होती है और बार-बार बोर्ड के चक्कर लगाने पड़ते है और समय की भी बर्बादी होती है।
उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट प्लांट लगाने के लिए किसी व्यक्ति विशेष का अधिकार नहीं होना चाहिए। इसके लिए लोगों में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। बैठक में जानकारी दी गई कि एक जिले में 10 हजार बिस्तरों पर एक बायोमेडिकल वेस्ट प्लांट को 75 किलोमीटर तक के दायरे का बायोमेडिकल वेस्ट उठाकर अपने प्लांट में ले जाने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम एक मेडिकल हब बन गया है और वहां पर बायोमेडिकल वेस्ट का एक ही प्लांट है। जबकि प्रतिदिन वहां पर 20 से 22 टन बायोमेडिकल वेस्ट अस्पतालों से निकलता है। गुरुग्राम में एक और बायोमेडिकल वेस्ट का प्लांट लगाने की आवश्यकता है। जिसके लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर एक अन्य प्लांट लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाए। इसके अलावा जहां-जहां भी बायोमेडिकल वेस्ट के प्लांट लगाने के आवश्यकता है वहां की समीक्षा करें। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि 31 मार्च 2025 तक हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यप्रणाली में बदलाव नजर आए।
उन्होंने कहा कि रेड, ऑरेज और ग्रीन कैटेगरी के उद्योगों का लाइसेंस का नवीनीकरण करने से पहले क्षेत्रीय अधिकारियों को उद्योगों का व्यक्गित निरीक्षण करें व सभी औपचारिकताएं भी पूरी करें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों को यदि बदलने की आवश्यकता है इसके लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजें। उन्होंने कहा कि बोर्ड में जितने भी रिक्त पद है उनकी सूची यथाशीघ्र तैयार की जाए और इसकी मांग हरियाणा लोक सेवा आयोग व हरियाणा राज्य कर्मचारी आयोग को भेजी जाए।
उन्होंने कहा कि जिन पैट्रोल पंपों पर वाहन के धुंए की जांच किए बिना ही प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। ऐसे स्थानों पर बोर्ड के अधिकारियों को नजर रखनी चाहिए। इसके अलावा बोर्ड के अधिकारियों को हर प्रकार के प्रदूषण की भी निगरानी रखनी चाहिए। यह हम सबकी जिम्मेवारी है।