Abhishek Manu Singhvi News: देश के जाने-माने वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के नीचे से मिले नोटों के बंडल के बाद सुर्खियों में आ गए हैं। वहीं, अब भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने नोटों की गड्डी बरामद होने पर अभिषेक मनु सिंघवी पर निशाना साधा।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा,’कांग्रेस नेताओं के पास इतना पैसा है कि वे (संसद में बेंच पर) बचे हुए पैसे का हिसाब भी नहीं लेते।’ इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि धन का दावा न करने से धन के स्रोत पर संदेह पैदा होता है और इसकी जांच होनी चाहिए।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि चूंकि कोई नेता पैसा लेने नहीं आया, इसलिए पैसे के कई स्रोतों पर संदेह पैदा होता है कि लोगों को पता है कि यह किसका पैसा है, लेकिन वे इसे लेने नहीं आते। इस घटना की जांच होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जवाबदेही से बचने का आरोप भी लगाया। कहा कि कांग्रेस जो हर बात पर सवाल उठाती थी, आज संसद से बरामद मामले का हिसाब देने से इनकार कर रही है। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि बेंच से नोटों का बंडल बरामद हुआ है। यह जांच का विषय है। भारत के उपराष्ट्रपति ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मैं हैरान हूं कि कांग्रेस नेताओं के पास से नोटों का बंडल कहां से बरामद हो रहा है। इस घटना की जांच होनी चाहिए। इससे पहले, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं सदस्यों को सूचित करना चाहता हूं कि कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन की नियमित जांच के दौरान हुई। इस दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने सीट संख्या 222 से नोटों की एक गड्डी बरामद की, जो वर्तमान में तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है। यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया था, और मैंने सुनिश्चित किया कि जांच हो और यह जांच चल रही है। इसके जवाब में, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अभी तक इसके बारे में कभी नहीं सुना। मैं जब भी राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपए का एक नोट साथ लेकर जाता हूं। मैंने इसके बारे में पहली बार सुना। मैं 12:57 बजे सदन पहुंचा और सदन 1 बजे उठा, फिर मैं 1:30 बजे तक कैंटीन में बैठा और फिर संसद से चला गया था।
इसलिए कल मैं सदन में कुल 3 मिनट और कैंटीन में 30 मिनट रहा। मुझे यह अजीब लगता है कि ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति की जाती है। बेशक इस बात की जांच होनी चाहिए कि लोग कैसे कहीं भी किसी भी सीट पर कुछ भी रख सकते हैं। इसका मतलब है कि हममें से हर किसी के पास एक सीट होनी चाहिए। जहां सीट को लॉक किया जा सके और चाबी सांसद अपने साथ ले जा सकें, क्योंकि फिर हर कोई सीट पर बैठकर कुछ भी कर सकता है और इस बारे में आरोप लगा सकता है। अगर यह दुखद और गंभीर नहीं होता तो यह हास्यास्पद होता।