Sukhbir Singh Badal Golden Temple Firing: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के गेट पर फायरिंग की गई। वह धार्मिक सजा के तौर पर स्वर्ण मंदिर के गेट पर पहरेदारी कर रहे थे। तभी एक बुजुर्ग शख्स ने उनकी ओर बढ़ते हुए पिस्टल निकाली और फायर किया। लेकिन उनकी सुरक्षा में तैनात एएसआई जसबीर सिंह और एएसआई हीरा सिंह की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण हमलावर को तुरंत काबू कर लिया गया।
हमलावर ने अपनी पिस्टल से बादल पर नजदीकी दूरी से फायर किया, लेकिन गोली दीवार में लग गई। हमलावर को स्थानीय लोगों ने दबोच लिया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हमलावर को गिरफ्तार कर लिया।
सुखबीर बादल हुए भावुक ,सोशल मीडिया पर की पोस्ट
हमले के बाद सुखबीर सिंह बादल ने दोनों पुलिस कर्मियों, एएसआई जसबीर सिंह और एएसआई हीरा सिंह, से मिलकर उन्हें गले लगाया और उनके साहस को सराहा। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट भी साझा करते हुए लिखा,किसी की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालना आसान बात नहीं है। एएसआई जसवीर सिंह और एएसआई हीरा सिंह, दोनों सीनियर। प्रकाश सिंह जी बादल सबा के दिनों से ही हमारे परिवार का हिस्सा रहे हैं। मैं और मेरा परिवार कल उनके द्वारा दिखाए गए साहस और वफादारी का बदला नहीं चुका सकते। ईश्वर उन्हें लंबी उम्र, अच्छा स्वास्थ्य और सारी खुशियाँ प्रदान करें।
हमले का कारण
पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हमलावर, पूर्व खलिस्तानी आतंकवादी नरायण सिंह चौरां, ने इस हमले को अकेले अंजाम दिया। चौरां ने एक दिन पहले ही स्वर्ण मंदिर के गेट का निरीक्षण किया था और हमला करने के लिए स्वयं प्रेरित था। हालांकि, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस हमले के पीछे कोई बड़ी साजिश है। यह हमला उस समय हुआ जब सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त द्वारा उन्हें सुनाई गई धार्मिक सजा के तहत स्वर्ण मंदिर में सेवा कर रहे थे। बादल को अपनी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ 2007 से 2017 तक की अकाली दल सरकार की धार्मिक गलतियों के लिए यह सजा दी गई है। सजा के अंतर्गत वे गुरुद्वारे में बर्तन धोने, पहरेदारी करने और सार्वजनिक शौचालयों की सफाई कर रहे हैं।