Parliament Winter Session: भारत- पाक सीमा पर आतंकवाद के खिलाफ एक्शन, शहीद सैनिकों की संख्या, सुरक्षा बलों में महिलाओं अवसर, मनरेगा जॉब कॉर्ड समेत अन्य कई सवालों का गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवाल को जवाब दिया। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सफलता मिल रही है। इसके साथ गृहराज्य मंत्री ने पिछले तीन वर्ष के भीतर भारत- पाक सीमा पर शहीद हुए भारतीय जवानों की संख्या बताते हुए कहा कि केंद्र ने भारत-पाक सीमा सहित आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
मंगलवार को गृहराज्य मंत्री संसद में कहा, “पिछले तीन वर्षों में, 2021 से 2023 तक, भारत-पाक सीमा पर आतंकवादी हमलों में भारतीय सैनिकों की हताहतों की संख्या 5 है। सरकार ने भारत-पाक सीमा सहित आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और सरकार का दृष्टिकोण आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करना है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिसके परिणामस्वरूप सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सका है।”
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आगे कहा, “वर्ष 2024 के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स (एआर) में भर्ती की गई महिला जवानों की कुल संख्या 5469 है। सीएपीएफ में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए मंत्रालय का निरंतर प्रयास है। उल्लेखनीय है कि सीएपीएफ में महिलाओं की संख्या 2014 में 15,499 से बढ़कर 2024 में 42,190 हो चुकी है। जबकि वर्ष 2025 के दौरान सीएपीएफएस और असम राइफल्स में कुल 4138 महिला जवानों की भर्ती होने की संभावना है। 01 जनवरी 2023 तक देश में पुलिस बलों में महिला कर्मियों की कुल संख्या 2,63,762 है।”
सड़कों का गुणवत्तापरक निर्माण गृहराज्य मंत्री ने संसद में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान के जरिए बन रही सड़कों का भी निर्माण किया। मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, अंडमान और निकोबार प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट के अनुसार, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर), हैदराबाद को रुपये की लागत पर सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)-II और विशेष वित्तीय सहायता (एसएफए) योजनाओं के तहत सड़कों के सर्वेक्षण के लिए 1.15 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। मंत्री ने बताया कि पीएमजीएसवाई और एसएफए योजनाओं के तहत कुल 198 सड़कों के निर्माण के लिए 210.87 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 100 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। अंडमान और निकोबार प्रशासन ने सुधार के लिए 142 सड़कों और बिछाने के लिए 08 नई सड़कों की पहचान की है। पिछले पांच (5) वर्षों के दौरान, पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) द्वारा 36.44 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली 128 नई बिटुमिनस ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है।
जबकि बीएडीपी (सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम) एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में कार्यान्वित किया जाता है जिसके तहत केंद्र सरकार और पंजाब राज्य सरकार की हिस्सेदारी क्रमशः 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत है। गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में बीएडीपी के तहत कवर की गई बस्तियों के लिए क्रमशः 42.08 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 351 कार्य और 11.02 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 144 कार्य स्वीकृत किए गए हैं।