Kash Patel: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के काश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) का डायरेक्टर नियुक्त किया है। काश पटेल का पूरा नाम ‘कश्यप प्रमोद पटेल’ है। काश पटेल भारतीय मूल के हैं। काश पटेल उस वक्त भी भारत में चर्चाओं में आए थे, जब उन्होंने राम मंदिर को लेकर अमेरिकी मीडिया को लताड़ा था।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ट्रूथ पर कहा, ”मैं यह घोषणा करते हुए गर्व महसूस कर रहा हूं कि कश्यप ‘काश’ पटेल एफबीआई के अगले डायरेक्टर होंगे। इन्होंने अपने करियर के दौरान भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों का बचान करने का काम किया है। काश ने मेरे पहले कार्यकाल के दौरान अच्छा काम किया है। ये एक फाइटर हैं।”
डोनाल्ड ट्रंप के वफादार हैं काश पटेल
44 साल के काश पटेल डोनाल्ड ट्रंप के सबसे वफादार लोगों में से एक हैं। पहले ये चर्चा थी कि काश पटेल को ट्रंप सीआईए प्रमुख बनाएंगे। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान काश पटेल की कई बड़े अभियानों में अहम भूमिका थी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक काश पटेल मेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी काम कर चुके हैं।
काश पटेल नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में राष्ट्रपति के डिप्टी असिस्टेंट और आतंकवाद निरोधक विभाग के वरिष्ठ निदेशक भी रह चुके हैं। उनके पद पर रहते हुए ही आईएसआईएस के मुखिया अल बगदादी, अल कायदा के कासिम अल रिमी को मारा गया था। इतना ही नहीं अमेरिकी बंधकों की सुरक्षित वापसी भी हुई थी।
राम मंदिर को लेकर भी काश पटेल ने दिया था बयान
काश पटेल, इसलिए भी ज्यादा चर्चाओं में रहते हैं क्योंकि किसी भी मुद्दों पर उनका दृष्टिकोण अमेरिकी प्रतिष्ठान और मीडिया से बिल्कुल अलग है। अयोध्या राम मंदिर के अभिषेक के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने चिंता व्यक्त की थी। VOA को बताया कि वे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से परेशान हैं।