अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 के शिल्प व सरस मेले की सबसे सुंदर शुरुआत, ढोल-नंगाड़ो, शिल्पकारों और कलाकारों का अद्भुत संगम, राज्यपाल ने स्वयं कलाकारों से की मुलाकात
चंडीगढ़, 28 नवंबर—– राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शंखनाद की ध्वनि के बीच कुरुक्षेत्र में सरस और शिल्प मेले के उद्घाटन किया और इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 का भव्य शुभारंभ हुआ। इस सरस और शिल्प मेले के शुभारंभ के साथ ही प्रदेश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों और शिल्पकारों की खुशी का ठिकाना ना रहा। इन कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की संस्कृति की छटा बिखेर कर उद्घाटन समारोह को यादगार बनाने के साथ-साथ चार चांद लगाने का काम किया। इस सरस और शिल्प मेले के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंत्रौच्चारण के बीच महोत्सव के मीडिया सेंटर का भी उद्घाटन किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने वीरवार को ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 में दीपशिखा प्रज्जवलित करके परंपरा अनुसार सरस और शिल्प मेले का शुभारंभ किया और श्रीमदभगवद गीता की प्रति पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धा को व्यक्त किया। इसके पश्चात राज्यपाल ने ब्रह्मसरोवर के तट पर शिल्प और सरस मेले का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने ढोल-नंगाड़ा पार्टी, करतब दिखा रहे कलाकार, नृत्य कर रहे कलाकार और बीन पार्टी से बातचीत की। इतना ही नहीं राज्यपाल ने सरस मेले में जोधपुर से महोत्सव में पहली बार आई शिल्पकार प्रेमवती, भिवानी से शिल्पकार वीरेंद्र, राजस्थान की शिल्पकार अमोलक, हिमाचल हमीरपुर के शिल्पकार मेहर से उनकी शिल्पकला के बारे में विस्तार से पूछा। इन स्टॉलों पर राज्यपाल ने कुछ मिनट बिताए और शिल्पकला और सेल्फ हेल्प ग्रुप के बारे में भी जानकारी हासिल की। राज्यपाल ने इन स्टॉलों पर हाथ से बने कसीदा कला, हाथ से बने लोहे के बर्तन की प्रशंसा की है। इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकला को देखकर शिल्पकारों के साथ अपने मन की भावनाओं को भी साझा किया।
उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक अवसर है। इस शिल्प और सरस मेले की सुंदर और भव्य शुरुआत शिल्पकारों के लिए सार्थक होगी। इस ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर दूर-दराज से आने वाले लाखों पर्यटकों के लिए एक मंच पर विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों और सरस मेले में पहुंचे सेल्फ हेल्प ग्रुप के सदस्यों की कला देखने को मिलेगी। यह दृश्य पर्यटकों के लिए अद्भुत और अनोखा होगा। इस मेले के लिए केडीबी और प्रशासनिक अधिकारी बधाई के पात्र है, सभी के साझे प्रयासों से इस मेले का परंपरा अनुसार आगाज हुआ है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 का आयोजन 28 दिसंबर से 15 दिसंबर 2024 तक किया जाएगा और मुख्य कार्यक्रम 8 दिवसीय होंगे और यह कार्यक्रम 5 से 11 दिसंबर तक चलेंगे। इस महोत्सव में संत सम्मेलन, दीपोत्सव, गीता सेमिनार, वैश्विक गीता पाठ मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इन कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी और प्राचीन संस्कृति से आत्मसात होने का अनोखा अवसर भी मिलेगा।
उपायुक्त नेहा सिंह ने मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तीर्थ यात्रियों के लिए प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए है। इस मौके पर थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, अंबाला मंडल आयुक्त गीता भारती, उपायुक्त नेहा सिंह, पुलिस अधीक्षक वरुण सिंघल, केयूके के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, एनआईटी के निदेशक डा. के रमना, केडीबी सीईओ पंकज सेतिया, केयूके कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, केडीबी मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीथ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, भाजपा के जिलाध्यक्ष सुशील राणा, प्राधिकरण के सदस्य सौरव चौधरी, डा. रमनीत सिंह, केडीबी सदस्य अशोक रोसा, डॉ. ऋषिपाल मथाना, कैप्टन परमजीत सिंह, युद्घिष्ठïर बहल, तिजेंद्र गोल्डी, सुभाष पाली आदि उपस्थित थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के शुभारंभ का ऐतिहासिक अवसर है। हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र की भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। यह गीता ज्ञान उस वक्त जितना उपयोगी था, आज भी उतना ही उपयोगी है। कुरुक्षेत्र भी उस वक्त जितना उपयोगी था, आज भी उतना ही उपयोगी है। गीता का यह संदेश युगों-युगों तक याद रखा जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि गीता महोत्सव न केवल कुरुक्षेत्र की भूमि पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर भी मनाया जा रहा है। आज विधिवत रूप से सरस मेले के उद्घाटन के साथ इसका शुभारंभ हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि देश और विदेश से लोग अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचेंगे। इस बार भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचेंगे। इसके साथ-साथ विभिन्न प्रांतों से कलाकार, शिल्पकार, कारीगर व सामान बेचने वाले स्वयं सहायता समूह महोत्सव में पहुंचे हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है और लोगों को हमारी संस्कृति जानने का अवसर भी मिलता है।
पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने में सरकार के प्रयास हुए सार्थक:दत्तात्रेय
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मीडिया सेंटर का किया उदघाटन, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रयासों से ही विदेशों तक पहुंचा महोत्सव का संदेश
चंडीगढ़, 28 नवंबर—– राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने में केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास सार्थक हुए है। अब महोत्सव का आयोजन विदेशों में किया जा चुका है और आने वाले समय में भी अलग-अलग देशों में महोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव के संदेश को विदेशों तक पहुंचाने में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय वीरवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के अवसर पर केडीबी के सभागार में बनाए गए मीडिया सेंटर का उद्घाटन करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, अंबाला मंडल आयुक्त गीता भारती, उपायुक्त नेहा सिंह, मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने मीडिया सेंटर का उदघाटन किया। राज्यपाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र एक आध्यात्मिक, धार्मिक और शिक्षा का केन्द्र है। इस महान भूमि की धूल को मानव अपने माथे पर लगाकर स्वयं को धन्य मानता है। इसे भारत की प्राचीन संस्कृति का उद्गम स्थल भी कहा जाता है। कुरुक्षेत्र विश्व भर में ऋषियों-मुनियों तथा देवताओं की तपोस्थली, कर्मभूमि और यज्ञ भूमि के रूप में विख्यात है। पत्रकार समाज का बेहद ही महत्वपूर्ण अंग होते है। प्रजातंत्र में प्रेस की भूमिका से आप भली भांति परिचित हैं। प्रेस को प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ भी कहा जाता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि देश की आजादी से पहले भारत को आजाद करवाने और आजादी के बाद भी प्रैस ने राष्ट्र-निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए अपनी उपयोगिता को पूरी शक्ति के साथ प्रमाणित किया है।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के गठन के पश्चात् 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के तीर्थों का विकास कार्य प्रारम्भ हुआ। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस क्षेत्र में सैंकड़ों तीर्थ फैले हुए हैं जिनमें से बोर्ड द्वारा अभी तक लगभग 182 तीर्थों का दस्तावेजीकरण किया जा चुका है। तीर्थ सर्वेक्षण का यह कार्य वर्तमान में भी निरंतर चल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आगामी 15 दिसंबर तक चलेगा। कुरुक्षेत्र एक धर्मनगरी, कर्मनगरी, पुण्य भूमि और मोक्ष की भूमि है। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश व विदेश से कई शिल्पकार आ रहे है। गीता को विद्यार्थियों के बीच में ले जाकर उन्हें पवित्र ग्रंथ गीता के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। इस महोत्सव में गीता पाठ, गीता शकोच्चारण व संत सम्मेलन जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। इनके अलावा गीता के विषय में जाने-माने कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, अंबाला मंडल आयुक्त गीता भारती, उपायुक्त नेहा सिंह, पुलिस अधीक्षक वरुण सिंघल, केयूके के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, एनआईटी के निदेशक डा. के रमना, केडीबी सीईओ पंकज सेतिया, केयूके कुलसचिव डा. संजीव शर्मा, केडीबी मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीथ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, भाजपा के जिलाध्यक्ष सुशील राणा, प्राधिकरण के सदस्य सौरव चौधरी, डा. रमनीत सिंह, केडीबी सदस्य अशोक रोसा, डा. ऋषिपाल मथाना, कैप्टन परमजीत सिंह, युद्घिष्ठïर बहल, तिजेंद्र गोल्डी, सुभाष पाली आदि उपस्थित थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंत्रोच्चारण के बीच महोत्सव की महाआरती का किया शुभारंभ
चंडीगढ़, 28 नवंबर—– अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंत्रोच्चारण और शंखनाद की ध्वनि के बीच सांय कालीन महाआरती का शुभारंभ किया। गीता महोत्सव की इस आरती से ब्रह्मसरोवर की पूरी फिजा भक्ति रस में डूब गई।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में वीरवार को देर सायं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सहयोग से ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में सांय कालीन आरती का आयोजन किया गया। महोत्सव के पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, महंत बंसीपुरी महाराज, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, अंबाला मंडल आयुक्त गीता भारती, उपायुक्त नेहा सिंह, केयूके कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, निट के निदेशक के रमणा, पुलिस अधीक्षक वरुण सिंघल, मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील राणा, उपनिदेशक डा. प्रीतम सिंह, तिजेंद्र गोल्डी, सौरभ चौधरी, डा. ऋषिपाल मथाना, विजय नरुला, अशोक रोशा, डा. रवनीत सिंह आदि ने शंखनाद और मंत्राोच्चारण के बीच संध्या कालीन आरती का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम से पहले केडीबी की तरफ से प्रसिद्ध कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति देकर ब्रह्मसरोवर के वातावरण में भक्ति रस घोल दिया।
ब्रह्मसरोवर की सायं कालीन आरती में पंडित बलराम गौतम, सोमनाथ शर्मा, अनिल गौतम, रोहित कौशिक, रूद्र गौतम ने आरती करवाई और मंत्रोच्चारण का जाप किया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि ब्रह्मसरोवर की आरती से पर्यावरण शुद्ध होता है। यह एक आदि भौतिक, आदि दैविक एवं आध्यात्मिक दृष्टि के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक तथा वैज्ञानिक दृष्टि से भी एक सिद्ध समग्र एवं समन्वित उपक्रम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वच्छता को लेकर एक बहुत अच्छा अभियान शुरू किया है। इस अभियान में हर व्यक्ति को अपना सहयोग देना चाहिए। इस महोत्सव को भी स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास करना चाहिए। जिस घर, मोहल्ले, शहर और प्रदेश में स्वच्छता होगी, वहां के नागरिक स्वस्थ होंगे और स्वस्थ व्यक्ति देश और प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकेगा