Delhi air pollution: राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा? दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार 22 नवंबर को सुनवाई की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सप्ताह की शुरुआत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर से अधिक’ स्तर पर पहुंच गया था, जिसके कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 4 को सक्रिय करना पड़ा था। इस चरण के तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और शहर की पुलिस राजधानी में भारी वाहनों के प्रवेश के संबंध में GRAP चरण 4 प्रतिबंधों को लागू करने में विफल रही है। इस दौरान कोर्ट ने सभी 13 प्रमुख प्रवेश बिंदुओं से सीसीटीवी कैमरा फुटेज की मांगी। ताकि, यह सत्यापित किया जा सके कि भारी वाहनों को वास्तव में प्रवेश की अनुमति दी गई थी या नहीं। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बार के 13 वकीलों को नियुक्त किया है, जो 13 एंट्री प्वाइंट्स पर जाकर जांट करेंगे और अपनी रिपोर्ट सोमवार 25 नवंबर तक पेश करेंगे। वहीं, इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी। जज अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने कहा, ‘हमारे लिए यह मान लेना बहुत कठिन है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।’
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि ट्रकों की एंट्री को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि केवल जरूरी वस्तुएं ले जाने वाले ट्रकों को ही अनुमति दी जानी चाहिए। लेकिन, एंट्री प्वाइंट्स पर निगरानी की कमी औऱ घूस के आरोपों के चलते दिल्ली में नियमों का उल्लंघन हो रहा है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक और GRAP चरण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, रविवार शाम को दिल्ली में AQI बढ़कर 457 हो गया और सोमवार सुबह तक यह और बढ़कर 485 हो गया। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है: चरण I (‘खराब’), चरण II (‘बहुत खराब’), चरण III (‘गंभीर’), और चरण IV (‘गंभीर प्लस’)। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकों को प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना सुनिश्चित करना राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि GRAP स्टेज 4 तब तक जारी रहना चाहिए जब तक AQI 450 से नीचे न आ जाए।