चंडीगढ़ : टैक्स हैवन कंट्री में से एक स्विटजरलैंड के बैंकों में भारतीयों के पैसों में हुई बढ़ोतरी पर विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने बयानों की याद दिलाते हुए तंज कसा है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”2014 में वह कहते थे- स्विस बैंक से ‘काला’ पैसा मैं लाऊंगा और सभी भारतीयों के खातों में 15-15 लाख रुपये जमा कराऊंगा। 2016 में भाषा बदल गई। उन्होंने कहा- नोटबंदी ‘काला’धन को देश से खत्म कर देगा. 2018 में उन्होंने कहा- स्विस बैंकों में भारतीयों के ‘व्हाइट’ पैसों में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. स्विस बैंक में ‘कालाधन’ नहीं है!”
सरकार की सफाई
वहीं सरकार ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अभी से अनुमान लगाया जाना ठीक नहीं है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार की तरफ से कहा, ”भारत और स्विटजरलैंड के बीच समझौता है. 1 जनवरी 2018 से इस वित्तीय साल के खत्म होने तक सारा डाटा हमें उपलब्ध करा दिया जाएगा. इसलिये अभी से इस पर किसी तरह का अनुमान क्यों लगाया जा रहा है।”
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार स्विस बैंक में पैसा रखने वालों के नामों की सूची क्यों नहीं सार्वजनिक कर रही है? कांग्रेस ने आज अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर पूछा, ”मोदी जी नोटबंदी तो फेल हो ही गई, आपके वादे और दावे भी बुरी तरह से फेल हो गए हैं; अब तो बता दीजिये कि आपकी नाक के नीचे ये काला धन स्विस बैंकों में किसने जमा किया?”
स्विस बैंको में भारतीयों का धन बढ़ने पर घिरी मोदी सरकार, स्वामी-कांग्रेस ने उठाए सवाल
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कालाधन और स्विस बैंक में भारतीयों के पैसा जमा होने पर तब की मनमोहन सरकार पर सवाल उठाए थे और वादा किया था कि सत्ता में आते ही वह कालाधन वापस लेकर आएंगे।
स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में बैंक में भारतीयों के जमा पैसे में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है और ये 1 अरब स्विस फ्रैंक यानि 7000 करोड़ भारतीय रुपये तक पहुंच गया है. स्विस बैंक खातों में रखे भारतीयों के धन में 2011 में इसमें 12 फीसदी, 2013 में 43 फीसदी, 2017 में इसमें 50.2 फीसदी की बढ़त हुई. इससे पहले 2004 में यह धन 56 फीसदी बढ़ा था।