Rajasthan Government: जयपुर। प्रदेश की 23 हजार खानों व उन पर काम करने वाले 15 लाख लोगों के राेजगार पर संकट से संबंधित मामले में राज्य सरकार ने बुधवार को अपील दायर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चन्द्रचूड़ से तत्काल सुनवाई का आग्रह करेंगे। सीजेआई से आग्रह किया जाएगा कि आपात स्थिति को देखते हुए मामला गुरुवार दोपहर दो बजे या शुक्रवार सुबह सुना जाए। जानकारी में आया है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस मामले की सीधे मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सिविल अपील दायर की। इसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें जिला पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरणों द्वारा पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खानों का राज्य पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरणों से 7 नवंबर, 2024 तक पुनर्मूल्यांकन कराने को कहा है। अन्यथा इन खानों को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
खानें बंद होने से प्रभावित होगी प्रदेश की अर्थव्यवस्था
अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि अपील में राज्य सरकार को पर्यावरण संबंधी इन निर्देशों की पालना के लिए एक वर्ष का समय देने की मांग की गई है। अपील में कहा कि खानों के बंद होने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था और लाखों गरीब मजदूरों का रोजगार प्रभावित होगा। इनमें शहीदों के परिवार और अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवार भी शामिल हैं। इसके अलावा निर्माण गतिविधियां रुक जाएंगी और निर्माण सामग्री भी महंगी हो जाएगी।