इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल इज़रायल की हमास (Hamas) और हिज़बुल्लाह (Hezbollah) से चल रही जंग में ईरान ने शुरू से ही हमास और हिज़बुल्लाह को समर्थन दिया है। लंबे समय से ईरान इन दोनों आतंकी संगठनों का समर्थक रहा है और इसी वजह से इज़रायल और ईरान के बीच तनाव भी रहा है। 31 जुलाई को इज़रायल ने ईरान में जब हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हनियेह (Ismail Haniyeh) की हत्या कर दी, तो दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। इसके बाद 27 सितंबर को इज़रायल ने लेबनान (Lebanon) में लंबे समय से हिज़बुल्लाह का चीफ रहे हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) का भी खात्मा कर दिया। इन दोनों की मौत से ईरान की नाराज़गी काफी बढ़ गई। कुछ दिन पहले ही इज़रायल ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर मेजर जनरल अब्बास निलफोरुशन (Abbas Nilforushan) को भी ढेर कर दिया। ऐसे में ईरान ने इज़रायल से अपने कमांडर और साथियों का बदला लेने के लिए तीन दिन पहले रात को 180 से ज़्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें इज़रायल पर दागी। ईरान का निशाना इज़रायल के सैन्य ठिकाने थे और इज़रायल ने ईरान की कई मिसाइलों को ध्वस्त कर दिया, लेकिन इज़रायल ने इस हमले को नज़रअंदाज़ नहीं किया।
इज़रायल की ईरान के हमले का जवाब देने की तैयारी
ईरान के हमले को इज़रायल भूलने वाला नहीं है। इस हमले की वजह से इज़रायल में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन फिर भी इज़रायल ईरानी हमले का बदला लेने के मूड में है। आज, शनिवार, 5 अक्टूबर को इज़रायली सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इज़रायल की सेना ईरान के मिसाइल अटैक का जवाब देने की तैयारी कर रही है।
हो सकती है युद्ध की शुरुआत
ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ ने पहले ही धमकी दे दी है कि अगर इज़रायल उन पर हमला करता है, तो उनकी सेना इज़रायल के पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला करेगी और यह हमला पहले से भी ज़्यादा बड़ा होगा। सूत्रों के अनुसार इज़रायल अगर ईरान पर हमला करता है, तो उसका निशाना ईरान के तेल और ऊर्जा संयंत्र हो सकते हैं। ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई (Ali Khamenei) ने भी इज़रायल के खिलाफ मुस्लिम देशों को एकजुट होने के लिए कह दिया है। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है। ऐसे में अगर इज़रायल की तरफ से ईरान पर हमला किया जाता है, तो इससे दोनों देशों के बीच युद्ध की शुरुआत हो सकती है।