नई दिल्ली : मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाने के कारण सरकार बनाने को लेकर दांव-पेंच की राजनीति शुरू हो गई है। त्रिपुरा और नगालैंड के बाद अब मेघालय में भी बीजेपी सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। बीजेपी नेता और असम सरकार में मंत्री हेमंत विस्वा शर्मा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता किरण रिजिजू और केजे अल्फोंस भी शिलांग पहुंच चुके है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हेमंत विस्वा और केजे अल्फोंस दोपहर 1 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं।
19 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) से बीजेपी लगातार संपर्क में है और अन्य क्षेत्रीय दलों को साथ लाने की कोशिशें जारी हैं। एक टीवी चैनल के मुताबिक बीजेपी सूत्रों ने दावा किया है कि उसकी पहल पर एनपीपी और अन्य सहयोगी दलों और 1 निर्दलीय को मिलाकर 34 विधायकों का समर्थन हासिल हो गया है। इस राज्य में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 31 है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक एनपीपी के 19, बीजेपी के 2, यूडीपी के 6, एचएसपीडीपी के 2, पीडीएफ के 4 और 1 निर्दलीय विधायक का समर्थन मिलने पर सहमति बन गई है। इस संबंध में रविवार शाम तक ऐलान हो सकता है।
गोवा-मणिपुर में हुई गलती नहीं दोहराना चाहती कांग्रेस
इधर, कांग्रेस किसी भी हाल में गोवा और मणिपुर की सियासी गलती फिर से दोहराना नहीं चाहती है। कांग्रेस ने राज्यपाल गंगा प्रसाद को चिट्ठी भेजकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। कुछ ही देर में कांग्रेस के विधायक दल की मीटिंग होनी है, जिसमें सभी विधायक अपना नेता चुनेंगे। माना जा रहा है कि मौजूदा मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नाम पर फिर से मुहर लग सकती है। मेघालय में 59 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस ने यहां 21 सीटें जीती है। लेकिन, सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को अभी 10 और विधायकों का समर्थन चाहिए।