Bihar flood:बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। कई जिलों में बाढ़ का पानी शहरी क्षेत्र में भी फैल चुका है। लोगों का पलायन जारी है।
बाढ़ से हालात बिगड़ने लगे तो डूबने की घटनाएं भी बढ़ गई है। गंगा किनारे बसे अधिकांश जिलों के निचले इलाके में गंगा नदी का पानी फैल जाने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। 11 जिलों की 259 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत लगभग 5.35 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में बक्सर के 1780, भोजपुर 70234, सारण में 76019, वैशाली में 94600, पटना में 93000, समस्तीपुर में 7600, बेगूसराय में 45000, लखीसराय में 45000, मुंगेर में 81363, खगड़िया में 19770 और भागलपुर में 1192 लोग प्रभावित हैं। वहीं, अबतक पांच लोगों ने बाढ़ में जान गंवाई है।
हालांकि मौत के अधिक मामले सामने आए हैं। राजधानी पटना में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। गंगा का पानी कई इलाकों में फैल गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सक्रिए हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने अभियंताओं को पूरी तरह अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। वरीय पदाधिकारियों को कैंप करने का भी निर्देश दिया है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा के जलस्तर का हवाई सर्वेक्षण किया था। अब शनिवार को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना और वैशाली में गंगा के जलस्तर का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिया। बाढ़ को देखते हुए आधा दर्जन जिलों में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने गंगा किनारे स्थित जिलों को अलर्ट किया है। निचले इलाकों में पानी बढ़ने के बाद अब लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। वहीं गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने गंगा किनारे के जिलों की समीक्षा की। दरअसल, पड़ोसी राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। भागलपुर के शहरी क्षेत्र में भी पानी घुस चुका है। मस्तीपुर जिले अब तक कुल तीन लोगों की जान गई है।