विदेश मंत्रालय ने रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में किए गए उन दावों का गुरुवार को स्पष्ट रूप से खंडन किया है। जिसमें यूक्रेन को भारतीय रक्षा निर्यात के डायवर्जन का जिक्र किया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है।
यह अटकलें लगाने वाली और भ्रामक है। इसमें भारत द्वारा उल्लंघन का संकेत दिया गया है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है और यह गलत और शरारतपूर्ण है।
जायसवाल ने कहा कि भारत का सैन्य और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात में बेदाग रिकॉर्ड है और देश अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियमों का पूरी तरह से पालन करता है। उन्होंने भारत के कानूनी और नियामक ढांचे पर भी प्रकाश डाला। जो यह सुनिश्चित करता है कि भारत का रक्षा निर्यात वैश्विक अप्रसार उद्देश्यों और अंतिम उपयोगकर्ता प्रतिबद्धताओं के अनुरूप हो।
LCA Tejas फाइटर जेट को बेचने के लिए ब्राजील से C-390 Aircraft खरीदेगा भारत? मोदी सरकार करेगी लेन देन वाली डील?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अपने रक्षा निर्यात को अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए और अपने मजबूत कानूनी और नियामक ढांचे के आधार पर करता है। जिसमें अंतिम उपयोगकर्ता दायित्वों और प्रमाणन सहित प्रासंगिक मानदंडों का समग्र मूल्यांकन शामिल है।
यह विवाद 19 सितंबर 2024 को रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद उत्पन्न हुआ था। जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय हथियार कंपनियों द्वारा निर्मित गोले यूरोपीय खरीदारों के माध्यम से यूक्रेन भेजे जा रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया कि यह प्रक्रिया मॉस्को की आपत्तियों के बावजूद हो रही थी और इसमें नई दिल्ली का कोई हस्तक्षेप नहीं था।
सरकार के इस खंडन ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत रक्षा निर्यात में पारदर्शिता और अनुपालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। MEA द्वारा आरोपों को भ्रामक और अटकलबाजी करार देना इस बात का संकेत है कि भारत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और वैश्विक रक्षा निर्यात बाजार में अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए दृढ़ है।