One Nation One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार कैबिनेट ने 18 सितंबर 2024 को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ यानी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद देश में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ कराने का रास्ता आसान हो गया है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार इसे शीतकालीन सत्र में मंजूरी के लिए संसद में संबंधित बिल पेश कर सकती है।
बता दें 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू करने का वादा किया था। आम चुनाव में भाजपा को बहुमत तो नहीं मिला इसके बावजूद भाजपा अपने एनडीए सहयोगियों के साथ मिलकर ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का वादा पूरा करने में अब अहम कदम उठा चुकी है।
चूंकि इससे संबंधित बिल को लागू करने के लिए संविधान संशोधन जरूरी होगा और इसके लिए राज्यों की सहमति भी जरूरी होगी। तो ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर कौन सी पार्टियां ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के पक्ष में हैं और कौन सी पार्टियां इसके विरोध में हैं?
15 पार्टियों ने किया विरोध, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को बताया बकवास
बता दें कांग्रेस के प्रतिनिधित्व में इंडिया गठबंधन में शामिल पंद्रह विपक्षी दलों ने “वन नेशन वन इलेक्शन” जिसे मोदी कैबिनेट ने आज हरी झंडी दिखाई है वो इस प्रस्ताव के खिलाफ खड़ी हो चुकी हैं और इसे अव्यवहारिक और बकवास बताया है। कांग्रेस ने कहा है कि यह योजना व्यवहारिक या व्यवहारिक नहीं है। पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे ‘जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश’ बताया है।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के नेतृत्व वाली कमेटी ने सौंपी थी रिपोर्ट
बता दें ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर सितंबर 2023 में एक समिति पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में गठित हुई थी। इस समिति ने मार्च 2024 देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी जिसमें एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव शामिल था।
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का कितनी पार्टियों ने किया विरोध?
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनाए गए पैनल ने देश के 62 राजनीतिक दलों से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव से विचार-विमर्श कर उनकी राय मांगी थी। जिनमें से 18 दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के बाद पैनल ने अपने फैसले को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपने निष्कर्ष सौंप दिए था। रिपोर्ट के मुताबिक 47 राजनीतिक दलों में से 32 ने इस पहल का समर्थन किया था, जबकि 15 ने इसका विरोध किया था।
इन 4 राष्ट्रीय पार्टिर्यों ने जताया विरोध
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर देश की 4 राष्ट्रीय पार्टियोें ने विरोध जताया। इनमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) शामिल हैं।
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का किन पार्टिर्यों ने किया समर्थन
बता दें एनडीए में शामिल दो राष्ट्रीय पार्टियां भाजपा और कॉनराड संगमा की अगुआई वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की सहयोगी दलों का समर्थन मिला है। इन समर्थकों में एआईएडीएमके, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू), अपना दल (सोनेलाल), असम गण परिषद, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (नागालैंड), सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, मिजो नेशनल फ्रंट और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ऑफ असम शामिल हैं। गौरतलब है कि विपक्षी INDIA महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल हुई जनता दल (यूनाइटेड) भी इस पहल का समर्थन किया है। एनडीए के अन्य प्रमुख सदस्य जैसे बीजू जनता दल, जो एनडीए के साथ गठबंधन करने वाली एकनाथ शिंदे की शिवसेना का एक गुट है, और अकाली दल, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है।