Bihar News: आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार पर तीखा सियासी प्रहार किया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताए कि क्या यह सत्ता प्रायोजित, सत्ता संपोषित और सत्ता संरक्षित अपराध उनकी पार्टी में नहीं हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि एक अपराधी से सीएम खुद मुख्यमंत्री आवास में मिलते हैं।
उन्होंने ट्विटर यानि एक्स पर लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की पार्टी के नेता अवैध पिस्तौल और बंदूक़ बनाने की फ़ैक्ट्री चलाते है फिर उन अवैध हथियारों को सरकारी अपराधियों को बेचते है। सीएम की पार्टी के नेता शराबबंदी के बावजूद तस्करी से अपने घरों में शराब का भंडारण कर फिर पुलिस की मिलीभगत से उसे बेचते है। कई पुलिसकर्मियों की हत्या कर चुके अपराधी एवं कई अन्य जघन्य मामलों में वांछित अपराधी चंद दिन पूर्व सीएम आवास में सीएम से घंटों मिलकर आए है।
इससे पूर्व शराब माफिया भी मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मिले थे। जिस कथित अपराधी को पुलिस ने घर में – रखवाने के जुर्म में गिरफ़्तार किया था, – दिन पूर्व उसी से मिलने सीएम उसके घर गए थे। मुख्यमंत्री जी बताए कि क्या यह सत्ता प्रायोजित, सत्ता संपोषित और सत्ता संरक्षित अपराध नहीं है?
दरअसल 9 सितंबर को बाहुबली अनंत सिंह ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी ,तेजस्वी यादव ने इसी मुलाकात के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। इसके अलावा नालंदा के अस्थावां प्रखंड अध्यक्ष पर शराब कांड में कथित तौर पर संलिप्त पाए जाने के बाद अध्यक्ष सीताराम प्रसाद को पार्टी से निकाल दिया गया था। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें जदयू से बाहर कर दिया है। तेजस्वी यादव ने इसपर भी सवाल उठाया है।
#WATCH | Bihar: On Delhi CM Arvind Kejriwal's bail, RJD leader Tejashwi Yadav says, "It is good that he (Arvind Kejriwal) has got bail but if we look at the comments of the Supreme Court, the way government agencies are being exposed is also worth paying attention to. The way the… pic.twitter.com/uoqsMHIyle
— ANI (@ANI) September 13, 2024
केजरीवाल की जमानत पर क्या बोले तेजस्वी ?
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत पर राजद नेता तेजस्वी यादव का कहना है, ”यह अच्छा है कि अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई है। लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर नजर डालें, तो जिस तरह से सरकारी एजेंसियों की पोल खुल रही है, वह भी ध्यान देने लायक है।