Rahul Gandhi Targeted BJP-RSS: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इन दिनों अपने अमेरिका दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने 8 सितंबर को टेक्सास में एक सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी और आरएसएस पर तीखे हमले किए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर नहीं देते।
राहुल गांधी के इस बयान पर सोमवार (9 सितंबर) को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को आरएसएस के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है और वे केवल गलतफहमी फैला रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने राहुल पर देश के बाहर जाकर भारत की निंदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी चीन की तारीफ कर रहे हैं और यह देशद्रोह के समान है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए जो भारत के बाहर जाकर उसकी आलोचना करते हैं और दुश्मन देशों की सराहना करते हैं।
प्रवीण खंडेलवाल ने भी राहुल को घेरा
बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी राहुल गांधी के चीन संबंधी बयानों पर प्रतिक्रिया दी। खंडेलवाल ने कहा कि राहुल गांधी का चीन की प्रशंसा करना यह दिखाता है कि उन्हें चीन से कितना लगाव है, जबकि पूरा देश चीनी सामान का बहिष्कार करने की मुहिम चला रहा है। खंडेलवाल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाखों रोजगार के अवसर सृजित किए गए हैं, और कांग्रेस के लंबे शासन के दौरान रोजगार की जो समस्या पैदा हुई, उसके समाधान के लिए मोदी सरकार कई योजनाएं लेकर आई है।
राहुल गांधी का चीन पर बयान
राहुल गांधी ने टेक्सास में अपने संबोधन के दौरान बेरोजगारी, शिक्षा और तकनीकी बदलावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और पश्चिमी देश रोजगार संकट का सामना कर रहे हैं, जबकि चीन और वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाओं में बेरोजगारी का संकट उतना गहरा नहीं है। राहुल ने आगे कहा कि 1940, 50 और 60 के दशक में अमेरिका वैश्विक उत्पादन का केंद्र था, लेकिन धीरे-धीरे उत्पादन एशियाई देशों, विशेष रूप से चीन में स्थानांतरित हो गया। उन्होंने कहा कि भारत को अपने उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें और देश बेरोजगारी के संकट से बाहर निकल सके। उत्पादन और रोजगार पर जोर राहुल गांधी ने यह भी कहा कि चीन जैसे देशों में रोजगार की समस्या इसलिए नहीं है, क्योंकि उन्होंने उत्पादन को अपनी प्राथमिकता बनाया है। उन्होंने भारत को यह सुझाव दिया कि उसे भी उत्पादन के क्षेत्र में वापसी करनी चाहिए और इसे केवल चीन, वियतनाम या बांग्लादेश तक सीमित नहीं रहने देना चाहिए। अगर भारत ऐसा नहीं करेगा, तो उसे उच्च स्तर की बेरोजगारी और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।