Rajasthan News: जयपुर। प्रदेश में वन स्टेट-वन इलेक्शन की संभावनाओं को तलाशने के लिए सरकार कैबिनेट सब कमेटी गठन करने जा रही है। नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कैसे हो सकते हैं, इस पर कमेटी अनुशंसा करेगी। कमेटी राजस्थान में एक साथ चुनाव करवाने के रास्ते में आ रही कानूनी बाधाओं का हल तलाशेगी और कानूनविदों की राय के आधार पर सिफारिश देगी।
ऐसे में नवम्बर से शुरू होने वाले नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव टलना लगभग तय है। ऐसा होता है तो चुनाव होने तक यहां प्रशासन के हाथ में कमान दे दी जाएगी। हालांकि, विषय विशेषज्ञों के मुताबिक एक साथ चुनाव कराने की राह आसान नहीं है। कई तरह की कानूनी अड़चन सामने आएंगी।
तीन सब कमेटी बनेगी
वार्ड पुनर्गठन, सीमांकन के लिए स्वायत्त शासन विभाग और पंचायती राज विभाग के लिए अलग-अलग कमेटी बनेगी। जबकि, वन स्टेट-वन इलेक्शन के लिए एक कमेटी का गठन होगा।
कानून में होगा बदलाव, अध्यादेश लाएंगे या विशेष सत्र
वन स्टेट-वन इलेक्शन के तहत नगरपालिका और पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन होगा। इस संशोधनों को लागू करने के लिए सरकार के पास दो विकल्प हैं। अध्यादेश लाए या फिर विधानसभा का दो दिन विशेष सत्र बुलाए।
निकाय और पंचायतों की स्थिति
राज्य में 291 नगरीय निकाय हैं। इनमें 13 नगर निगम, 52 नगर परिषद और 226 नगर पालिका है। हाल ही निगम, पालिका और परिषदों की संख्या बढ़ाई गई है। इस वर्ष नवम्बर से वर्ष 2025 दिसम्बर तक एक को छोड़कर सभी निकायों के चुनाव होने हैं। केवल एक निकाय है, जहां बोर्ड कार्यकाल जनवरी, 2026 तक है। पंचायतीराज में 11341 ग्राम पंचायत, 352 पंचायत समिति और 33 जिला परिषद के चुनाव एक साथ हो सकते हैं।