प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई और सिंगापुर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. वह आज ब्रुनेई के प्रधानमंत्री और सुल्तान हाजी हसनल बोल्कैया से मुलाकात करेंगे. कहा जा रहा है कि इस दौरान पीएम मोदी ब्रुनेई के सुल्तान के महल में उनके साथ लंच भी करेंगे.
इस द्विपक्षीय वार्ता के बाद वह सिंगापुर के दौरे पर रवाना हो जाएंगे.
पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अगले साल दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे हो रहे हैं. सिंगापुर दौरे के दौरान दोनो देशों के बीच कई एमओयू पर हस्ताक्षर होने हैं, जिनमें खाद्य सुरक्षा, एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और सेमीकंडक्टर शामिल है.
PM मोदी की सिंगापुर यात्रा का एजेंडा
पीएम मोदी छह साल बाद सिंगापुर पहुंच रहे हैं. उनका यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब सिंगापुर में सरकार बदल गई है और लॉरेन्स वॉन्ग ने प्रधानमंत्री पद की कमान संभाल ली है. पीएम मोदी का सिंगापुर का दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए जरूरी है.
सिंगापुर आसियान देशों में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. इस दौरान पीएम मोदी बिजनेस लीडर्स और कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे. इस दौरान साउथ चाइना सी और म्यांमार जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हो सकती है.
व्यापार और निवेश के लिहाज से प्रधानमंत्री का सिंगापुर का दौरा अहम है. आसियान देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है. सिंगापुर दुनिया में भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक बड़ा स्रोत सिंगापुर है. सिंगापुर की वैश्विक सेमीकंडक्टर ईको सिस्टम में अहम भूमिका है. इस क्षेत्र में सिंगापुर का 20 से अधिक सालों का अनुभव है.
भारत के लिए क्यों अहम है सिंगापुर?
मौजूदा समय में भारत का पूरा जोर एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर है. भारत ने इस पॉलिसी की शुरुआत नवंबर 2014 में 12वें आसियान-भारत शिखर समिट के दौरान शुरू की थी. इस पॉलिसी का उद्देश्य हिंद महासागर में बढ़ रही समुद्री क्षमता का मुकाबला करना और साउथ चाइना सी और हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना है.
चीन लगातार साउथ चाइना सी में अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहा है. इस वजह से कई देशों से लगातार चीन का विवाद बना हुआ है. साउथ चाइना सी के कुछ हिस्से पर चीन अपना दावा करता है, जिसे लेकर क्षेत्रीय स्थर पर शांति प्रभावित होती है. ऐसे में भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पीएम मोदी के ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है.